जनरल साहिब, आप अकेले नहीं हैं! (General Sahib, You Are Not Alone)

February 23, 2016 Chander Mohan 0

यह एक अत्यंत भावुक क्षण था। अरनब गोस्वामी की बहस में जब कुछ वार्ताकारों ने सरकार की केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तिरंगा फहराने की योजना पर सवाल उठाया तो कई सैनिक के अभियानों नायक रिटायर्ड मेजर जनरल गगन बक्शी भावुक हो उठे। आंखें पौंछते हुए जनरल बक्शी ने मीडिया के एक वर्ग तथा कथित बुद्धिजीवियों द्वारा फैलाए जा रहे माहौल पर यह टिप्पणी की ‘‘दुख हो रहा है हम अकेले रह गए। हम फौजी आज अकेले रह गए। रोने के लिए।’’ कितनी तड़प है इन शब्दों में! कितनी हताशा! देश का एक बहादुर यौद्धा परेशान है कि इस देश में एक मुखर राय ऐसी भी है जो उदारवाद के नाम पर उनका समर्थन कर रही है जो देश की बर्बादी की बात […]

असहमति सही, विरोध जायज़, प्रदर्शन अधिकार, पर देश विरोध अस्वीकार्य (Dissent Fine, Opposition Acceptable, Protests Right but Anti National not acceptable)

February 16, 2016 Chander Mohan 1

जिस वक्त सियाचिन के हीरो लांस नायक हनुमनथप्पा की सलामती के लिए देश भर में प्रार्थनाएं हो रही थीं और देश की रक्षा के लिए उसके 9 साथियों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया जा रहा था उसी दिन दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुछ लोग ‘अफजल गुरू जिंदाबाद’ तथा भारत के टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगा रहे थे। जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया को गिरफ्तार कर लिया है पर वामपंथी उसके समर्थन पर उतर आए हैं और कहा जा रहा है कि देश में आपातकाल लगाया जा रहा है। यह बकवास है। अगर वामदल देश से भाप की तरह उड़ रहे हैं तो इसका भी मुख्य कारण है कि वह चरमपंथ को समर्थन […]

70 के उस पार (Crossing 70 Years)

February 9, 2016 Chander Mohan 1

मैं 70 बसंत पार कर गया हूं। जिन्दगी कितनी जल्दी बीतती है यह अब कुछ आभास हो रहा है। पुरानी फिल्म ‘शोर’ के एक गाने की पंक्ति याद आती है, ‘कुछ पल के जीवन से एक उम्र चुरानी है!’ जब इंसान छोटा होता है तो 50 वर्ष आयु वाले को बहुत बूढ़ा समझता है लेकिन जब 50 वर्ष तक खुद पहुंचता है तो प्रतिक्रिया होती है अभी तो 50 का ही हूं! फिर 60! फिर 70! आगे कितने साल हैं यह कोई नहीं जानता। लेकिन विचलित नहीं होना चाहिए। जो होगा सो होगा। मेरा कर्म में पूरा विश्वास है। खुद को पूरी तरह व्यस्त रखता हूं इसलिए जिसे पंजाबी में ‘सत्तरय्या भत्तरय्या’ कहा जाता है वैसा नहीं हूं। पूजा-पाठ में […]

भारत सरकार और पाकिस्तान का चिकन (Government of India and Pakistani Chicken)

February 2, 2016 Chander Mohan 0

खान अब्दुल गफ्फार खान जिनके नाम पर पेशावर के पास बाचा खान विश्वविद्यालय बनाया गया है, देश के विभाजन के खिलाफ थे। जब कांग्रेस विभाजन के लिए तैयार हो गई तो बादशाह खान नाराज़ हो गए और उन्होंने सवाल किया था कि हमें किसके सहारे छोड़ा जा रहा है? बाचा खान विश्वविद्यालय पर आतंकी हमले के बाद उनका पाकिस्तान की अवधारणा का विरोध एक बार फिर सही साबित हो रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र बताते हैं कि हमला करने वाले ‘बिलकुल हमारे जैसे थे।’ उनके जैसे तो वह होंगे ही क्योंकि वह हैं तो उनमें से ही। पाकिस्तानी कौम का यह दुर्भाग्य है कि उनका अपना ही एक हिस्सा उन जानवरों की तरह है जो अपनी ही संतान को खा […]