हम खिलाड़ी देश नहीं हैं (We Are Not A Sporting Nation)

August 30, 2016 Chander Mohan 0

ओलम्पिक खेलों में भारत महान् 67वें नम्बर पर रहा। लंदन ओलम्पिक में हमें छ: मैडल मिले थे लेकिन इस बार हम सिंधू के रजत तथा साक्षी के कांस्य पदक पर ही अटक गए। पीवी सिंधू, साक्षी मलिक तथा दीपा करमाकर जैसे खिलाड़ी वास्तव में देश के रत्न हैं। हाकी का भी पुनरुत्थान हो रहा है। पर साफ है कि लंदन ओलम्पिक के बाद हमारे खेल में सुधार होने की जगह पतन हुआ है। अधिकतर खिलाड़ियों ने अपने राष्ट्रीय रिकार्ड से कम प्रदर्शन किया और बाक्सिंग तथा पहलवानी घपले का शिकार हो गई जो नरसिंह यादव के मामले से पता चलता है। 84 प्रतिशत अपने क्वालीफाइंग मार्क से नीचे रहे। 34 में से केवल 4 एथलीट फाइनल में पहुंचे। अधिकतर का […]

मुद्दत से आरजू थी कि सीधा करे कोई! (Someone has to set them right)

August 23, 2016 Chander Mohan 0

लाल किले से अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ब्लूचिस्तान, गिलगिट तथा पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों का जिक्र करने को वाशिंगटन स्थित ब्लूच बुद्धिजीवी मलिक सिराज अकबर ने ‘एक गेम चेंजर’ कहा है अर्थात् खेल बदलने वाला। उनका कहना है कि ब्लूचिस्तान पाकिस्तान के प्रतिद्वंद्वियों के लिए तैयार है जो इस्लामाबाद की फजीहत करना चाहते हैं और उसका खून बहाना चाहते हैं। यह सज्जन बहुत आगे बढ़ गए लगते हैं। यह तो सही है कि प्रधानमंत्री के कथन से खेल बदल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री के कथन का यह मतलब नहीं कि भारत वहां दखल देने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी यह संदेश अवश्य दे रहें हैं कि पाकिस्तान के बारे वह लगभग वहां तक जाने को तैयार […]

थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है (Thoda He Thoda Ki Zaroorat He)

August 16, 2016 Chander Mohan 0

शहीद राम प्रसाद बिस्मल जिन्हें 19 दिसम्बर 1927 में फांसी दी गई थी, ने लिखा था, कभी वह दिन भी आएगा जब अपना राज होगा, जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा! अब जबकि देश आजादी के सात दशक पूरे कर रहा है देखने की जरूरत है कि हमने अपनी जमीं और अपने आसमां का बनाया क्या है? इसमें कोई शक नहीं कि देश ने बेहद तरक्की है। बाहर के लोग पूछते हैं कि अगला सुपर पावर कौन है, चीन या भारत? इस वक्त हमारी अर्थव्यवस्था योरूप की अर्थव्यवस्था से चार गुणा तेजी से बढ़ रही है और 2030 के दशक में हम यूरोपियन यूनियन की अर्थव्यवस्था को मात दे देंगे। 2050 तक हमारी अर्थव्यवस्था यूरोपियन यूनियन से […]

दर्द-ए-कांग्रेस (Dard-e-Congress)

August 9, 2016 Chander Mohan 0

यह संतोष की बात है कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की हालत अब स्थिर है। वाराणसी में उनके रोड शो में लोगों में जोश था लेकिन ऐसा रोड शो करने के लिए सेहत भी चाहिए, जो नहीं है। इस महिला की हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि इसके बावजूद पार्टी को उत्तर प्रदेश में खड़ा करने के लिए वह खुद मैदान में कूद गई थीं। शुरुआत धर्म की नगरी वाराणसी से की जो प्रधानमंत्री का चुनाव क्षेत्र भी है। सावन में वाराणसी में धार्मिक माहौल रहता है इसीलिए सोनिया गांधी के कार्यक्रम में काशी विश्वनाश मंदिर में पूजा तथा गंगा पूजा को शामिल किया गया था। यह हो न सका। लेकिन वहां उन्हें मिला जनसमर्थन भाजपा के लिए चिंता का […]

प्रशासनिक उदासीनता में डूबा एक शहर (A City Drowned in Administrative Apathy)

August 2, 2016 Chander Mohan 0

गुड़गांव जिसे अब ‘गुरूग्राम’ का नाम दिया गया है, को ‘मिलेनियम सिटी’ अर्थात् सहस्त्राब्दी का शहर भी कहते हैं। हम बताना चाहते हैं कि ऐसे शहर हमारा भविष्य हैं और शंघाई तथा सिंगापुर का मुकाबला करेंगे। देश की प्रतिभाशाली पढ़ी लिखी युवा पीढ़ी यहां काम करती है। बहुत विदेशी कम्पनियां भी यहां हैं। हरियाणा तथा केन्द्र सरकार दोनों को यह शहर भारी राजस्व देता है। लेकिन इस शहर की हालत क्या है यह इस बात से पता चलती है कि हाल ही की बारिश में लोग यहां 16-20 घंटे सड़क पर जाम में फंसे रहे। जो शाम को निकले वह अगले दिन दोपहर तक घर पहुंचे। माना कि बारिश बहुत हुई। वहां ट्रैफिक भी बहुत होता है लेकिन उस दिन […]