तेरी बरबादियों के मशवरे है आसमानों में (Gathering Clouds)

July 20, 2017 Chander Mohan 0

महबूबा मुफ्ती के बाद ममता बैनर्जी ने भी केन्द्र को चीन के हमारे मामले में दखल के प्रति आगाह किया है। महबूबा ने तो कश्मीर में अशांति के लिए चीन को सीधा जिम्मेवार ठहराया है। अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले ने एक बार फिर स्थिति की गंभीरता को स्पष्ट कर दिया है। यह नहीं कि पहले हमले नहीं हुए थे। 2000 में पहलगाम में 30 यात्री मारे गए लेकिन इस बार की घटना अधिक गंभीर है क्योंकि पहले ही हालात नाजुक हैं। जम्मू-कश्मीर के आईजीपी मुन्नीर खान ने सेना, सीआरपीएफ तथा सरकार को चेतावनी दी थी कि ‘‘आतंकी गुट द्वारा सनसनीखेज हमले की संभावना को रद्द नहीं किया जा सकता।’’ इस सूचना के बाद यह हमला कैसे हो गया? सारा […]

ए सैक्यूलरवाद, तेरे नाम पर क्या क्या अपराध किए जाते हैं! (Secularism, What Crimes are Committed in Thy Name)

July 13, 2017 Chander Mohan 0

किस्सा फ्रांस की क्रांति से जुड़ा है। 1789 में जब यह शुरू हुई तो मैडम रोलांड तथा उनके पति क्रांतिकारियों के प्रमुख तथा प्रभावशाली सदस्य थे लेकिन बाद में एक उग्रवादी गुट हावी हो गया। हजारों को कैद कर लिया गया और हजारों को ही मौत के घाट उतार दिया गया। मैडम रोलांड को पर्याप्त क्रांतिकारी नहीं समझा गया और 8 नवम्बर 1793 को उन्हें सर काटने की मशीन गिलोटीन पर भेज दिया गया। जब मैडम रोलांड को ले जाया जा रहा था तो रास्ते में पेरिस के क्रांतिकारी चौराहे पर आजादी की मूर्ति लगी हुई थी। उसकी तरफ उदासी से देखते हुए मैडम रोलांड ने यह शब्द कहे जो आज तक याद किए जाते हैं, O LIBERTY WHAT  CRIMES ARE […]

1962 और 2017 (1962 and 2017)

July 6, 2017 Chander Mohan 0

भारत, भूटान तथा चीन के बीच सिक्किम के डोकलम इलाके में टकराव को लेकर चीन अधिक ही आक्रामक हो रहा है। भारत को 1962 की याद दिलवाई जा रही है। उनका मीडिया युद्ध की धमकी दे रहा है। चीन इस अति संवेदनशील क्षेत्र जहां से उत्तर पूर्व के प्रांतों से हमारा सम्पर्क टूट सकता है, पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। डोकलम जिसे चीन डोंगलाग कहता है, के बीच चीन सड़क बनाने की कोशिश कर रहा है जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया है। ऐसी सड़क से भारत के लिए गंभीर सामरिक दुष्परिणाम निकल सकते हैं। यह 269 वर्ग किलोमीटर का सामरिक महत्व का क्षेत्र है जो भूटान का है पर चीन दावा कर रहा है। चीन का […]

द आइडिया ऑफ कांग्रेस (The Idea of Congress)

June 29, 2017 Chander Mohan 0

ऐसा आभास मिलता है कि कांग्रेस का संदूक खाली है। जो कुछ है वह पुराना और बेकार है। कोई नई विचारधारा नहीं, नई सोच नहीं, नई प्रतिभा नहीं और नए लोग नहीं। वही चले हुए कारतूसों के बल पर राजनीति की जा रही है। अगर कोई नई सोच होती तो राष्ट्रपति के पद के लिए मीरा कुमार को आगे न किया जाता। मीरा कुमार उस व्यवस्था की उपज है जिसने अपने विशेषाधिकारों के बल पर देश का खूब दोहन किया है। बाबू जगजीवन राम की बेटी कोई ‘दलित’ नहीं चाहे अब वह दलितों के संघर्ष की बात कह रहीं हैं। वह पीढ़ियों से वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं करती, उलटा उस वशिष्ठ वर्ग से संबंधित है जिसने अपनी स्थिति का फायदा […]

दो पीढ़ियों के बीच हम (In Between Generation)

June 22, 2017 Chander Mohan 0

एक मित्र की पत्नी शिकायत कर रहीं थीं कि हमारी पीढ़ी वह है जिसने पहले अपने मां-बाप और सास-ससुर की सुनी और अब हम अपने बच्चों की सुन रहे हैं। ऐसा ही एक मैसेज सोशल मीडिया के द्वारा अमेरिका से मुझे भेजा गया, ‘‘हमारी पीढ़ी अनोखी पीढ़ी है क्योंकि हमारी अंतिम पीढ़ी है जिसने अपने मां-बाप की बात सुनी और पहली पीढ़ी है जो अपनी बच्चों की बातें सुन रही है।’’ यह मैसेज मैंने अपने कई मित्रों को भेजा था। सभी इस बात से सहमत हैं। तो क्या हम जो चली गई और जो आ गई है के बीच फंसी हुई पीढ़ी है? मानना होगा कि हमारे से पहले की पीढ़ी अधिक सख्त और कम अनुदार थी। यह नहीं कि […]

बेहूदा बदतमीज़ बकवास (Rubbish Nonsense)

June 15, 2017 Chander Mohan 0

इस देश में अपनी बात कहने की पूर्ण आजादी है। संविधान इसकी अनुमति देता है पर फिर भी कोई न कोई मर्यादा होनी चाहिए। जिन्हें बुद्धिजीवी माना जाता है जिस कारण समाज में उनकी प्रतिष्ठा भी है, उनका विशेष दायित्व बनता है कि वह मर्यादा और तमीज़ की लक्ष्मण रेखा पार न करें। हाल ही में लेखक और प्रोफैसर पार्था चटर्जी ने भारतीय सेना तथा जनरल बिपिन रावत के बारे जो कुछ लिखा है वह न केवल मर्यादा की लक्ष्मण रेखा को पार करता है बल्कि बेहूदा बकवास भी है। यह चाहे कोलम्बिया विश्वविद्यालय में पढ़ाते हो पर वह बेदतमीज़ी की हर हद पार कर गए हैं। एक लेख में चटर्जी ने कश्मीर में सेना द्वारा मानव ढाल के इस्तेमाल […]