दिल्ली का शर्मनाक पतन (The Shameful Fall of Delhi)

November 8, 2016 Chander Mohan 0

जस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक पूर्व सैनिक की आत्महत्या को भुनाने में लगे हुए थे दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर से बहुत पार कर गया था। यह पिछले 17 साल में सबसे खतरनाक स्तर पर है। सारा एनसीआर क्षेत्र ही जहरीली चादर से ढका प्रतीत होता है। लोगों का दम घुट रहा है। सुरक्षित से 12 गुणा खतरनाक स्तर तक प्रदूषण है। पहले कहा जा रहा था कि दिल्ली में सांस लेने वालों के अंदर रोजाना 20 सिगरेट के बराबर विषैला धुआं जा रहा है, अब बताया जा रहा है कि यह 40 सिगरेट के बराबर है। हवा इतनी जहरीली बन चुकी है कि घरों के अंदर भी कइयों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। […]

50 साल बाद पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana after 50 Years)

November 1, 2016 Chander Mohan 0

देश की आजादी के समय हुए पंजाब के विभाजन के 19 साल बाद 1 नवम्बर 1966 को पंजाब का फिर विभाजन कर दिया गया। यह तो स्पष्ट ही है कि अधिक फायदे में हरियाणा रहा। जिस क्षेत्र को पंजाब के नेता पिछड़ा समझते थे और पिछड़ा रखते थे वह हरियाणा बन इतना तरक्की कर गया कि पंजाब से भी आगे निकल गया। 2015-16 में पंजाब की प्रति व्यक्ति आय 1,10,498 रुपए थी जबकि हरियाणा की 1,32,251 रुपए। पंजाब की विकास की दर 5.96 प्रतिशत थी जबकि हरियाणा की 8.2 प्रतिशत। उस वक्त पंजाबी भाषा के नाम पर सिख सूबा प्राप्त करने की इतनी जल्दी थी कि अकाली उस पंजाबी सूबे को स्वीकार कर गए जिसे पंजाबी सूबा मोर्चा के डिक्टेटर […]

देशभक्ति की कीमत 5 करोड़? (Price of Patriotism 5 Crores ?)

October 25, 2016 Chander Mohan 0

जिस तरह महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार ने फिल्म ‘ए दिल है मुश्किल’ के मामले में राज ठाकरे की एमएनएस की गुंडागर्दी के आगे समर्पण किया है वह खेदजनक ही नहीं शर्मनाक भी है। बिना कारण सेना को बीच में घसीट लिया गया जिस कारण वरिष्ठ सैनिक अधिकारी बहुत खफा हैं। एमएनएस का केवल एक विधायक है पर राज ठाकरे के फरमान के आगे फड़नवीस सरकार झुक गई। सवाल सार्थक है कि क्या देशभक्ति की कीमत 5 करोड़ रुपए ही है? 5 करोड़ रुपए देकर सब पाप माफ? प्रायश्चित हो गया? यह निर्माता ‘पाकिस्तानी एजेंट’ नहीं रहे? तब फिल्म में पाक कलाकारों की मौजूदगी पर आपत्ति नहीं होगी? जैसे कारगिल के हीरो ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशहाल ठाकुर ने सवाल किया है, ‘अगर […]

नामंजूर, नामंजूर, नामंजूर (Na Manzoor, Na Manzoor, Na Manzoor)

October 18, 2016 Chander Mohan 1

आक्रमण रक्षा का सबसे बेहतर तरीका है। इसी सिद्धांत को अपनाते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विधि आयोग की उस प्रश्नावली को गुस्से से रद्द कर दिया है जिसमें पूछा गया था कि क्या देश में समान नागरिक कानून की जरूरत है या नहीं? विधि आयोग संविधान के मुताबिक काम कर रहा है और यह सवाल सभी धर्मों से सम्बन्धित है। बहस करने की जगह बोर्ड के महासचिव सैयद मोहम्मद वली रहमानी ने तो नरेन्द्र मोदी सरकार पर ही हमला कर दिया कि उसने मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों के खिलाफ जंग शुरू कर दी है और अगर समान नागरिक कानून लागू किया गया तो भारत की विविधता खतरे में पड़ जाएगी। किसी भी लोकतंत्र में मसलों का निपटारा बहस […]

क्या पाकिस्तान बंदा बनेगा? (Will Pakistan Become More Responsible ?)

October 11, 2016 Chander Mohan 0

पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म नवाज शरीफ के दफ्तार में उनके प्रशासनिक अधिकारियों तथा सेना तथा आईएसआई के अधिकारियों के बीच जो टकराव हुआ जिसकी जानकारी कराची के अखबार ‘द डॉन’ ने बाहर निकाली है, बेमिसाल है। पाकिस्तान की वरिष्ठ पत्रकार मरियाना बाबर ने तो इसे ‘ऐतिहासिक खबर’ कह दिया है। आमतौर पर सेना के अधिकारियों के सामने भीगी बिल्ली बने नेता तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने सीधा सेना की नीतियों पर हमला किया कि सेना द्वारा ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ अर्थात् जेहादियों को दिए जा रहे संरक्षण के कारण पाकिस्तान दुनिया में अलग थलग पड़ गया है। पाकिस्तान के विदेश सचिव की शिकायत थी कि बड़े देश हमारी बात नहीं सुन रहे। उनके इस कथन से सब सन्न रह गए कि भले ही […]

असली कहानी बदलते भारत की है (The Real Story is of Changing India)

October 4, 2016 Chander Mohan 0

भारत के संयम का बांध आखिर टूट गया। अगर जवाब नहीं दिया जाता तो सरकार तथा सेना दोनों की विश्वसनीयता पर चोट पहुंचती। 28-29 सितम्बर 2016 निर्णायक दिन रहेंगे। नियंत्रण रेखा पार कर तथा पाक अधिकृत कश्मीर के अंदर जाकर उन्हें ठोंकने की कार्रवाई बताती है कि देश, सरकार तथा सेना की बर्दाश्त खत्म हो रही है। पाकिस्तान समझता रहा कि भारत एक बनिया-ब्राह्मण सॉफ्ट स्टेट है, कुछ देर गर्जेगा फिर शांत हो जाएगा। उन्हें मालूम नहीं था कि यह नया आश्वस्त भारत है और यह सरकार वहां तक जाने की इज़ाजत देगी जहां 1971 के बाद किसी भारतीय सरकार ने जाने की इज़ाजत नहीं दी। 1999 में कारगिल युद्ध के समय भी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सेना को […]