उड़ता मोदी, उभरता भारत (Flying Modi, Rising India)

June 14, 2016 Chander Mohan 0

वही दुनिया है। वही देश है। पर दो सालों में रिश्ता किस कद्र बदल गया! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच देशों की 33000 किलोमीटर की यात्रा फिर स्पष्ट कर गई कि भारत अब विश्व राजनीति के केन्द्र में मज़बूती से स्थापित है। नरेन्द्र मोदी समझ गए कि दुनिया में सैनिक तथा आर्थिक ताकत बनने के लिए अमेरिका का सहयोग बहुत जरूरी है। अमेरिकी पूंजी, तकनीक तथा समर्थन के बिना भारत विश्व ताकत नहीं बन सकता। इसलिए वीज़ा न दिए जाने की व्यक्तिगत तकलीफ को एक तरफ रखते हुए उन्होंने अमेरिका तथा भारत के बीच वह घनिष्ठता बना दी जो पहले कभी देखने को नहीं मिली। बराक ओबामा ने भी बराबर की गर्मजोशी तथा उदारता दिखाई। दिलचस्प है कि 1974 में […]

मिस्टर वाड्रा के लिए मकान (A House for Mr. Vadra)

June 7, 2016 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि उन्होंने लोगों की ‘मिठाई खाना’ बंद कर दिया है। यह मानना पड़ेगा कि केन्द्रीय सरकार पर इन दो वर्षों में एक भी आरोप नहीं लगा। लेकिन सवाल दूसरा है। क्या सरकार भ्रष्टाचार के जो दूसरे बड़े मामले हैं उन्हें तार्किक अंत तक पहुंचाने के प्रति गंभीर है या दिलचस्पी केवल उनका राजनीतिक लाभ उठाने में ही है? मामला राबर्ट वाड्रा से भी जुड़ा है। चुनाव अभियान के दौरान भाजपा ने राबर्ट वाड्रा के जमीन घोटालों को बड़ा मुद्दा बनाया था। अब दो वर्ष हो गए। हमें बताया जा रहा है कि मामले की जांच हो रही है। कितनी जांच होनी है? जमीन हरियाणा तथा राजस्थान में खरीदी गई। अगर घपला हुआ है तो यहां […]

उनके साथ, उनके बिना, उनके बावजूद (With Them, Without Them, Inspite of Them)

May 31, 2016 Chander Mohan 0

‘क्या आप ने एयरलिफ्ट देखी है?’ यह सवाल मुझ से दिल्ली में एक कश्मीरी पंडित महिला डाक्टर ने किया था। उनकी वहां अच्छी प्रैक्टिस है लेकिन कश्मीर को वह भूल नहीं सकीं। मैं उनसे कश्मीरी पंडितों की वापिसी के बारे पूछ रहा था। उन्होंने बताया कि किस तरह लगभग 25 वर्ष पहले सारा परिवार मारूति 800 में बैठ कर कश्मीर से निकला था। मारूति 800 में कितना सामान ले जाया जा सकता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन उस वक्त तो जान बचाने और विशेष तौर पर महिलाओं की इज्जत बचाने का सवाल था। मेरा अपना परिवार पाकिस्तान से उजड़ कर आया था इसलिए विस्थापितों का दर्द समझता हूं। और हां, मैंने एयरलिफ्ट देखी है। यह बढ़िया फिल्म […]

कांग्रेस का बहादुर शाह जफर (The Bahudur Shah Zafar of Congress)

May 24, 2016 Chander Mohan 0

पांच विधानसभा चुनावों के परिणाम बता गए हैं कि भाजपा के अच्छे दिन फिर आ रहे हैं और कांग्रेस का दु:स्वप्न जारी है। असम और केरल कांग्रेस के हाथ से निकल गए हैं। पार्टी में बेचैनी बढ़ रही है। ममता बैनर्जी की धमाकेदार जीत हुई है और जयललिता एमजीआर के बाद पहली मुख्यमंत्री बनी हैं जिन्हें दोबारा सत्ता मिली है। त्रिपुरा तक सीमित वाम को केरल से राहत मिलेगी पर पश्चिम बंगाल में मिली कुचलने वाली पराजय से पता चलता है कि देश कांग्रेस मुक्त ही नहीं कामरेड मुक्त होने की दिशा में भी चल रहा है। असम में भाजपा की सरकार उत्तर पूर्व की पहली भाजपा सरकार होगी। इससे भाजपा को दिल्ली तथा बिहार की पराजय से उभरने का […]

अराजकता को आरक्षण मत दो (Do Not Give Reservation to Chaos)

May 17, 2016 Chander Mohan 0

अंग्रेजों ने जब इंडियन सिविल सर्विस (आईसीएस) का गठन किया था तो इसे ‘स्टील फ्रेम’ अर्थात् फौलादी ढांचा कहा गया था जो हर हालत में, हर परिस्थिति में इस देश को संभालेगा पर धीरे-धीरे राजनीतिक दखल के कारण यह स्टील फ्रेम भी ‘प्लास्टिक फ्रेम’ बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान देखने को मिला जब तीन चार दिन देश के अति प्रगतिशील प्रांत को जलने दिया गया। जिनका काम इस आग को बुझाना था वह दर्जनों की संख्या में अपनी जिम्मेवारी छोड़ कर भाग उठे। उस वक्त भी इसकी शिकायत उठी थी जिसकी पुष्टि अब पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की रिपोर्ट ने कर दी है कि 90 अफसर अपने अपने स्थान से […]

शेरनीजी, महात्मा मनमोहन और सेंट एंटनी (Sherniji, Mahatma Manmohan and Saint Antony)

May 10, 2016 Chander Mohan 0

कांग्रेस के कथित ‘लोकतंत्र बचाओ मार्च’ के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस कथन कि ‘कांग्रेस गंगा के समान है’, पर रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर ने लोकसभा में अपने जवाब में कहा कि ‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह गंगा जाती कहां है?’ मनोहर पार्रिकर का भाषण तर्क से भरा हुआ बढ़िया भाषण था पर मुझे उन्हें कहना है कि केवल यह ही नहीं देखना कि बहती गंगा गई किधर, उन्हें यह भी ढूंढना है कि गंगोत्री कौन है? रिश्वत जरूर उन्हें दी गई होगी जो निर्णय को प्रभावित कर सकते थे। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि किस तरह जब अगस्ता को हेलीकाप्टर नहीं मिल रहा था तो सौदे की शर्तें व धाराएं बदली […]