इंसाफ़ या इंतक़ाम ( Justice or Revenge?)

March 26, 2020 Chander Mohan 0

निर्भया के क़ातिल बलात्कारियों को सात वर्ष के बाद आख़िर फाँसी पर चढ़ा दिया गया।  हमारे समाजिक इतिहास का बहुत घिनौना अध्याय बंद हुआ। जिस मज़बूती  से उसका परिवार विशेष तौर पर उसकी माता आशा रानी ने इस मामले का पीछा किया है वह क़ाबिले तारीफ़ है। अगर वह इतनी मज़बूती न दिखाते तो मामला अभी भी अदालतों में लटकता पड़ा होता। एक बार तो कई महीने कोई जज नहीं था जबकि यह हाई प्रोफ़ाइल मामला है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सही कहा है कि मृत्यु दंड के मामलों के ख़िलाफ़ अपील की सीमा होनी चाहिए और यह लड़ाई अंतहीन नहीं हो सकती। उनकी बात सही है पर यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि देश में बलात्कार […]

हे राम! (He Ram)

April 26, 2018 Chander Mohan 0

इंदौर में एक आठ महीने की बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जिन्होंने बढ़ते रेप को ‘नैशनल  एमरजैंसी’ कहा है, के अनुसार पिछले तीन साल में बच्चों के खिलाफ अपराध में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 96 प्रतिशत मामलों में अपराधी वह शख्स था जिसे परिवार और बच्चा जानते हैं जिस कारण कई मामले छिपे भी रहते हैं। किसी समाज की नीचता का इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है कि यहां बच्चियां सुरक्षित नहीं? हमारी तो इंसानियत मर गई लगती है। एक दिन नहीं जाता जब कहीं न कहीं से ऐसा बुरा समाचार नहीं मिलता। आभास मिलता है कि यहां दरिंदे भरे हुए हैं। कठुआ और उन्नाव के […]