निहायत ही बेवक़ूफ़ आदमी है, Incredibly Stupid Man

March 3, 2022 Chander Mohan 0

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपने सैनिक कमांडरों को परमाणु सिस्टम को तैयार रखने को कहा है। यूक्रेन में युद्ध अभी तक रूस के मुताबिक़ नही चल रहा। रूसी सेना किसी भी बड़े शहर पर क़ब्ज़ा नही कर सकी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जिन्होंने जान बचाने के लिए देश छोड़ने से इंकार कर दिया है, के नेतृत्व में यूक्रेन की सेना और लोग बराबर मुक़ाबला कर रहे हैं। दूसरी तरफ पश्चिम के देश लगातार प्रतिबंध बढ़ाते जा रहे हैं। रूस की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का पहुँचा है। भारत सरकार की तटस्थ नीति सही है। हमें किसी का पक्ष नही लेना चाहिए और अपने लोगो, विशेष तौर पर स्टूडेंट्स को वहां से निकालने को प्राथमिकता देनी चाहिए। यूक्रेन मे भारतीय […]

अफ़ग़ानिस्तान: पाकिस्तान की बड़ी ग़लतफ़हमी, Pakistan and Taliban: Uneasy Friends

August 26, 2021 Chander Mohan 0

कभी ख़ुद ज़ोर से अपने ही गिर जाता है ज़ोरावर          मेर क़ातिल कहीं तू अपना क़ातिल न बन जाना अफ़ग़ानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर पाकिस्तान में कई लोग सीताराम केसरी की भाषा में ‘बम’, ‘बम’ हैं। वह विशेष तौर पर इस बात से जश्न में है कि भारत को वहां सामरिक और कूटनीतिक धक्का पहुँचा है। इमरान खान की नाटकीय टिप्पणी है कि तालिबान ने ‘अफ़ग़ानिस्तान में ग़ुलामी की ज़ंजीरें तोड़ दीं’। उनके विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने दुनिया को गिनती कर बताया है कि चार राष्ट्राध्यक्षों ने इमरान खान से अफ़ग़ानिस्तान को लेकर बात की है। उनके गृहमंत्री शेख़ रशीद का कहना है कि ‘अब कोई सुपरपावर पाकिस्तान की अनदेखी नही कर सकता’। लेकिन पाकिस्तान में ऐसी […]

खिड़की खुली है थोड़ी, थोड़ी देर के लिए, Indo-Pak : Hope And Apprehension

March 11, 2021 Chander Mohan 0

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों मे एक बार फिर ताज़ाहवा बहने लगी है।  740 किलोमीटर लम्बी नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की घोषणा कर दी गई है। 24-25 फ़रवरी की रात से दोनों तरफ़ से तोपें शांत हो गईं हैं। दोनों देशों के बीच दो दशक पुराना संघर्ष विराम समझौता 2007-2008 से ही उधड़ना शुरू हो गया था पर पिछले पाँच वर्षों से तो दोनो तरफ़ से ख़ूब गोलाबारी हो रही थी। अब तोपों पर कवर चढ़ा दिए गए हैं। क्या रिश्तों में सुखद मोड़ आएगा या पहले कई प्रयासों की तरह यह भी नक़ली सूर्योदय होगा? इसे समझने के लिए देखना होगा, 1. क्या हुआ ? 2. क्यों हुआ? 3. क्या हो सकता है आगे? क्या हुआ? 2019 मे […]

पाकिस्तान: ‘गेम’ फिर शुरू Pakistan : The ‘Game’ Starts Again

October 29, 2020 Chander Mohan 0

पाकिस्तान के लिए भी यह असाधारण और विचित्र घटनाक्रम था। रावलपिंडी के सैनिक मुख्यालय के आदेश पर पाक रेंजरों ने सिंध के आईजी मुश्ताक़ महार का अपहरण कर लिया। उन्हें ज़बरदस्ती बखतरबंद वाहन में डाल कर ब्रिगेड मुख्यालय ले जाया गया और वहाँ नवाज़ शरीफ़ के दामाद मुहमद सफ़दर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया। उसके बाद कराची के होटल के कमरे में जहाँ नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ अपने पति के साथ ठहरी हुई थी, आधी रात को दरवाज़ा तोड़ कर पुलिस सफ़दर को ले गई। इस पर पत्रकार मरियामा बाबर लिखती हैं, “सोती हुई महिला के कमरे का दरवाज़ा तोड़ कर घुसने की बात कभी सुनी नही गई थी…सारा देश इस से स्तब्ध […]

इमरान खान की नपुंसक गर्जन (Imran Khan’s Impotent Rage)

September 19, 2019 Chander Mohan 0

कहते हैं  ‘इश्क ने गालिब निकम्मा कर दिया वरना हम भी आदमी थे काम के।’  जिस तरह इमरान खान आज-कल बड़बड़ा रहें उन्हें न केवल इश्क बल्कि राजनीति ने भी बिल्कुल निकम्मा कर दिया लगता है। इश्क में तो वह कप्तान रहें ही हैं! हाल ही के कुछ सप्ताहों में वह भारत के प्रधानमंत्री तथा भारत के नेतृत्व को  ‘कायर’ ,  ‘हिटलर’ ,  ‘नाजी’, ‘फासीवादी’,  ‘मुस्लिम विरोधी’ कई प्रकार की गालियां निकाल चुके हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना भारत से मुसलमानों के  ‘नस्ली सफाए’ की है। यह उस देश का नेता कह रहा है जहां अल्पसंख्यक धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं। उन्होंने खुद को  ‘कश्मीर का अम्बैसेडर’ घोषित कर दिया है। उन्हें यह भी […]

रिश्तों की नींव हिल गई (Uncertainty in Indo-US Relations)

August 1, 2019 Chander Mohan 0

अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के अनिश्चित रिश्तों के बारे अपनी किताब में चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों के सलाहकार रहे ब्रूस रीडल लिखते हैं,  “इस क्षेत्र में अमेरिका अपने अधिकतर लक्ष्यों को प्राप्त करने में असफल रहा है। रुज़वैल्ट से लेकर ओबामा तक अधिकतर अमरीकी राष्ट्रपतियों ने पाया कि उपमहाद्वीप में आगे बढ़ना मुश्किल है… इतिहास साक्षी है कि अमेरिकी कदमों ने बुरी स्थिति को बदतर बना दिया था…।” अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने यह किताब पढ़ी होती या अपने सलाहकारों की राय मानी होती तो इमरान खान के साथ अपनी बैठक में कश्मीर में अपनी मध्यस्थता की अनावश्यक पेशकश न कर बैठते। इमरान खान के लिए तो छींका फूटने वाली बात हो गई लेकिन अपनी इस लापरवाही से ट्रम्प […]