भारत-पाक: दो संदेशों से संदेश, India -Pakistan: Message From Two Messages

March 14, 2024 Chander Mohan 0

शाहबाज़ शरीफ़ एक बार फिर लड़खड़ाती पाकिस्तान की सरकार के वज़ीर-ए-आज़म बन गए है। इससे पहले वह अप्रैल 2022 में पीएम बने थे। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जो बधाई का संदेश भेजा था और जो अब भेजा है उसकी भावना और शब्दावली में जो अंतर है, वह ही स्पष्ट करता है कि हमारी सरकार उस देश से बेहतर रिश्तों के बारे कितनी नाउम्मीद है। अप्रैल 2022 को भेजे अपने संदेश में नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने जाने पर ‘हिज़ एकसिलैंसी’(महामहिम) मियाँ मुहम्मद शाहबाज़ शरीफ़ को बधाई। भारत ऑतंकवाद से मुक्त इस क्षेत्र में शान्ति और स्थिरता चाहता है ताकि हम विकास की अपनी चुनौतियों से जूझ सकें और अपने लोगोँ के कल्याण और […]

मजबूरी का नाम नवाज़ शरीफ़, Pakistan And The Compulsion of Nawaz Shrif

November 9, 2023 Chander Mohan 0

पाकिस्तान की सेना के आशीर्वाद से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ निर्वासन से लौट आए है। छ: साल पहले इसी सेना ने इनका बोरिया बिस्तर गोल कर देश निकाला दे दिया था। अगर साऊदी अरब के शेख़ दखल न देते तो नवाज़ शरीफ़ का हश्र भी ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो या बेनजीर भुट्टो जैसा हो सकता था। वह तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री निर्वाचित हो चुके है और हर बार अवधि पूरी होने से पहले किसी न किसी बहाने उन्हें हटा दिया गया। अब सौदेबाज़ी के बाद वह वापस लौट आए है और उनके ख़िलाफ़ सारे अदालती मामले रास्ते से हट रहें हैं।  जिसे पाकिस्तान का सुरक्षा प्रतिष्ठान कहा जाता है अर्थात् सेना के जरनैल, नवाज़ शरीफ़ की वापिसी चाहते […]

पाकिस्तान: ‘गेम’ फिर शुरू Pakistan : The ‘Game’ Starts Again

October 29, 2020 Chander Mohan 0

पाकिस्तान के लिए भी यह असाधारण और विचित्र घटनाक्रम था। रावलपिंडी के सैनिक मुख्यालय के आदेश पर पाक रेंजरों ने सिंध के आईजी मुश्ताक़ महार का अपहरण कर लिया। उन्हें ज़बरदस्ती बखतरबंद वाहन में डाल कर ब्रिगेड मुख्यालय ले जाया गया और वहाँ नवाज़ शरीफ़ के दामाद मुहमद सफ़दर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया। उसके बाद कराची के होटल के कमरे में जहाँ नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ अपने पति के साथ ठहरी हुई थी, आधी रात को दरवाज़ा तोड़ कर पुलिस सफ़दर को ले गई। इस पर पत्रकार मरियामा बाबर लिखती हैं, “सोती हुई महिला के कमरे का दरवाज़ा तोड़ कर घुसने की बात कभी सुनी नही गई थी…सारा देश इस से स्तब्ध […]

कारगिल: बीस साल बाद (Kargil 29 Years Later)

July 25, 2019 Chander Mohan 0

विश्व का इतिहास विश्वासघात की घटनाओं से भरा पड़ा है। ईसा से 44 वर्ष पहले जूलियस सीज़र से दगा कर उसके अभिन्न मित्र बू्रटस ने दूसरे सैनिटरज़ के साथ मिल कर उसकी बेहरमी से हत्या कर दी थी। हिटलर ने भी कई वायदे किए और बाद में तोड़ डाले। हमारा अपना इतिहास भी ऐसी धोखे की घटनाओं से भरा हुआ है। पृथ्वीराज चौहान की मिसाल हमारे सामने है। मीर जाफर ने बंगाल की सेना से दगा कर अंग्रेजों के लिए दरवाज़ा खोल दिया और उन्होंने पौने दो साल हम पर राज किया। ऐसे विश्वासघात का अनुभव प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी 1999 में बुरी तरह से हुआ था जब वह फरवरी में बस पर सवार बैंड-बाजे के साथ पाकिस्तान […]

भारत सरकार और पाकिस्तान का चिकन (Government of India and Pakistani Chicken)

February 2, 2016 Chander Mohan 0

खान अब्दुल गफ्फार खान जिनके नाम पर पेशावर के पास बाचा खान विश्वविद्यालय बनाया गया है, देश के विभाजन के खिलाफ थे। जब कांग्रेस विभाजन के लिए तैयार हो गई तो बादशाह खान नाराज़ हो गए और उन्होंने सवाल किया था कि हमें किसके सहारे छोड़ा जा रहा है? बाचा खान विश्वविद्यालय पर आतंकी हमले के बाद उनका पाकिस्तान की अवधारणा का विरोध एक बार फिर सही साबित हो रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र बताते हैं कि हमला करने वाले ‘बिलकुल हमारे जैसे थे।’ उनके जैसे तो वह होंगे ही क्योंकि वह हैं तो उनमें से ही। पाकिस्तानी कौम का यह दुर्भाग्य है कि उनका अपना ही एक हिस्सा उन जानवरों की तरह है जो अपनी ही संतान को खा […]

झटके खाती विदेश नीति

September 28, 2013 Chander Mohan 0

झटके खाती विदेश नीति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि जम्मू क्षेत्र में दोहरे आतंकी हमलों के बावजूद न्यूयार्क में नवाज शरीफ के साथ उनकी वार्ता रद्द नहीं की जाएगी। नवाज शरीफ जब से प्रधानमंत्री बने हैं भारत के साथ संबंध बेहतर करने की बात कह रहे हैं इसलिए इस अति गंभीर परिस्थिति में भी वार्ता रद्द न कर प्रधानमंत्री ने गलत नहीं किया। अगर अब वार्ता रद्द की जाती तो इसका मतलब आतंकियों को भारत-पाक संबंधों पर वीटो का अधिकार देने के बराबर होता। वह हर बार बातचीत से पहले कोई न कोई बड़ी घटना कर देते जिसके बाद भारत गुस्से में वार्ता की मेज़से हट जाता। शीतयुद्ध के दौरान भी अमेरिका तथा सोवियत यूनियन आपस में बात […]