नीतीश-मुक्त बिहार चाहिए, Bihar Needs To Be Nitish-Mukt
कसमें खाने के बाद कि “मर जाना क़बूल है, उनके साथ जाना क़बूल नही”, नीतीश कुमार फिर ‘उनमे’ (एनडीए) शामिल हो गए हैं। यह उनका पाँचवा पलटा है। 2013 में भाजपा द्वारा नरेन्द्र मोदी को पीएम का चेहरा घोषित करने का बाद वह एनडीए को छोड़ गए थे। 2015 का चुनाव उन्होंने राजद-कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिल कर लड़ा था। 2017 में लोकसभा चुनाव से पहले वह एनडीए में लौट आए थे। पाँच साल के बाद यह भाँपते हुए कि भाजपा उनकी जेडीयू का विभाजन करने की कोशिश कर रही है उन्होंने एनडीए को छोड़ कर राजद के साथ सरकार बना ली। और अब 2024 में लोकसभा के चुनाव से पहले राजद-कांग्रेस और वाम को एक तरफ़ फेंक […]