राहुल गांधी और उनका ‘मैथ्स’, Rahul Gandhi and his Maths

June 8, 2023 Chander Mohan 0

ममता दीदी का सुर कुछ बदला हुआ है। एकला चलो  की नीति पर चल रही ममता बैनर्जी ने कर्नाटक के चुनाव परिणाम के बाद यू-टर्न ले लिया है। अब वह कांग्रेस को लताड़ नहीं रही और उनका कहना है कि जहां कांग्रेस मज़बूत है वहाँ हम समर्थन देंगे पर जहां क्षेत्रीय दल मज़बूत है वहाँ कांग्रेस को समर्थन देना चाहिए। ममता का कहना है कि “ हमारा आँकलन है कि लोकसभा की 200 सीटों पर कांग्रेस मज़बूत है लेकिन यूपी में सपा, दिल्ली में आप, बंगाल मे तृणमूल, बिहार में जेडीयू- आरजेडी मज़बूत हैं”। यह पहली बार है जब ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ किसी विपक्षी गठबन्धन में कांग्रेस की केन्द्रीयता स्वीकार की है। खुद तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय […]

आज़ाद ‘कोटरी’ के चमकते सितारे रहें हैं, लेकिन बात सही है, Azad was member of ‘coterie’ but what he says is correct

September 1, 2022 Chander Mohan 0

कांग्रेस नेतृत्व और विशेष तौर पर राहुल गांधी को कोसते हुए गुलाम नबी आज़ाद ने  पचास वर्ष के कांग्रेस के साथ सम्बंध तोड़ लिए हैं। कांग्रेस के नेता कटाक्ष कर रहे हैं कि ‘जीएनए का डीएनए मोदी मय हो गया है।  राज्यसभा से आज़ाद की विदाई के समय प्रधानमंत्री मोदी के भावुक होने के क्षण की याद दिलवाई जा रही है कि आज़ाद के उनके साथ गहरे सम्बन्ध है। आज़ाद द्वारा अपनी पार्टी बनाने की घोषणा को भी अमरेन्द्र सिंह जैसा प्रयास कहा जा रहा है जब उन्होंने अपनी पार्टी बना कर भाजपा के साथ गठबंधन किया था। आज़ाद की पार्टी का यह  गठबंधन होता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा। यह भी हो सकता है कि उनकी […]

संसद चलनी चाहिए, Parliament Needs To Work

August 4, 2022 Chander Mohan 0

अच्छी बात है कि संसद की कार्यवाही पटरी पर लौट आई है। आशा है अब दुर्घटना नहीं होगी। पर पहले 15 दिन इधर उधर के तमाशों पर बर्बाद कर दिए गए।  महंगाई,जीएसटी, अग्निपथ, चीन का अतिक्रमण, बढ़ती बेरोज़गारी, रूपए की स्थिति, जैसे मामलों पर सार्थक बहस होनी चाहिए। अगर यह प्रभाव फैल गया कि संसद मसलों का हल करने में प्रभावहीन है या प्रासंगिक नहीं रही तो लोगों के पास सड़कों पर उतरने का ही विकल्प रह जाएगा। कई संकेत है कि धीरज कम हो रहा है। संसद में टकराव नफ़रत से भरा और व्यक्तिगत बनता जा रहा है। तू तू मैं मैं उन मसलों पर होती रही है जिनका आम जनता से कोई मतलब नहीं। दो दर्जन के क़रीब […]

दिल्ली अभी दूर है, Abhi Dilli Door He

August 5, 2021 Chander Mohan 0

संसद का मानसून अधिवेशन भी निरर्थक नजर आता है। पेगासस साफ्टवेयर के द्वारा कुछ प्रमुख लोगों के मोबाइल की जासूसी को लेकर गम्भीर गतिरोध चल रहा है। किसी भी लोकतन्त्र में ऐसी जासूसी घिनौनी है। सरकार स्पष्ट जवाब नही दे रही कि क्या पेगासस के लिए किसी इसरायली कम्पनी के साथ उसकी कोई डील हुई थी या नही? वह जानती है कि अगर यह साबित हो गया कि ऐसी जासूसी हो रही है तो यह क़ानून का गम्भीर उल्लंघन होगा। इस मुद्दे पर विपक्ष तेज़ है और अब तो साथी नीतीश कुमार ने भी जाँच की मांग कर दी है। निश्चित तौर पर यह गम्भीर मामला है जिसकी जाँच और जिसकीसंसद में चर्चा होनी चाहिए। पर मुझे दो बातें और […]

क्या देश ‘नई राजनीति’ का उदय देख रहा है? (Are we seeing rise of ‘New Politics’

February 20, 2020 Chander Mohan 0

तीसरी बार सीएम की शपथ लेते समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “दिल्ली ने देश में नई राजनीति को जन्म दिया है… इससे अब देश बदलेगा।” अर्थात अपने शपथ ग्रहण समारोह से ही अरविंद केजरीवाल स्पष्ट कर रहे थे कि अब उनकी नज़रें राष्ट्रीय राजनीति पर है। दिल्ली में उन्हें तथा उनकी पार्टी को प्रभावशाली जीत मिली है। संदेश गया है कि मोदी-शाह अजय नहीं है। कांग्रेस के उतार से भी देश की राजनीति में शून्य सा पैदा हो रहा है। भाजपा की उग्र राजनीति और  ‘गोली मारो’ भाषणों के बाद भाजपा के अपने समर्थक भी समझते हैं कि संतुलन कायम करने की बहुत जरूरत है। अगर दिल्ली में आप को इतनी बड़ी जीत मिली है तो इसका […]

12 Days That Changed India

March 14, 2019 Chander Mohan 0

Former British Prime Minister Harold Wilson had once famously said that “ a week is a long time in politics “. He also added that due to the fast changing political landscape fortune of a politician or a political group can change drastically in a single week. In our context it can be said that 12 days changed India and with it  the fortune of political leaders and political parties. Between the terrorist attack in Pulwama on February 14 and the Airforce  attack deep  inside Pakistan on February 26, the country changed and with it all calculations for the elections also changed drastically. A few weeks before Pulwama Narendra Modi and BJP seemed little insecure and defensive. Surveys were predicting […]