अच्छी सरकार भी चाहिए, मज़बूत विपक्ष भी , Need Good Government And Strong Opposition

March 30, 2023 Chander Mohan 0

जिस दिन अप्रैल 2019 को कर्नाटक में कोलार की एक सभा में राहुल गांधी ने यह कहा था कि, “ नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेन्द्र मोदी, का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है”, तब ही स्पष्ट हो गया था कि इस कथन की क़ीमत एक न एक दिन चुकानी पड़ेगी। उनके समर्थक लाख कहें कि ‘ यह नहीं कहा कि सारे मोदी चोर है, यह कहा है कि सारे चोर मोदी है’, पर जो राहुल गांधी ने कहा उसका अभिप्राय तो साफ़ है। राजनीति में आलोचना की जगह है पर यह तो एक समुदाय को सीधी गाली है।  अब उनका कहना है कि “मैं डरने वाला नहीं, न माफ़ी माँगूँगा क्योंकि मेरा नाम सावरकर […]

सोनिया गांधी और राष्ट्रीय हित, Sonia Gandhi And National Interest

April 14, 2022 Chander Mohan 0

विंसटन चर्चिल भारत की आज़ादी के बिलकुल ख़िलाफ़ था और महात्मा गांधी से तो नफरत करता था, पर बंदा अभिव्यक्ति की कला का माहिर था। अपने साथी देश जो हिटलर के विस्तारवाद के ख़िलाफ़ समय रहते निर्णय नही ले पा रहे थे के बारे चर्चिल ने कहा था, “उनका निर्णय है कि वह अनिर्णित है, निश्चित हैं कि वह अनिश्चित है, बहाव के लिए दृढ़, तरलता के लिए ठोस, अशक्त रहने के लिए सर्वशक्तिमान”। आज कांग्रेस की जो हालत देखता हूँ और उसकी अध्यक्ष की निर्णय लेने में  अकर्मण्यता देखता हूँ तो चर्चिल के यह शब्द याद आजाते हैं, निश्चित हैं कि अनिश्चित हैं…! वैसे तो पी वी नरसिम्हा राव ने एक बार कहा था कि ‘ अनिर्णय भी एक […]

‘जय बांग्ला’ या ‘सोनार बांग्ला’ ?, The Bengal Elections

March 4, 2021 Chander Mohan 0

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव की घोषणा कर दी है पर जहाँ सब चुनाव अपना अपना महत्व रखतें हैं पश्चिम बंगाल का चुनाव विशेष महत्व और चिन्ता देता है। इसके चार बड़े कारण हैं। एक, ममता बैनर्जी का अपना विशेष जुझारू व्यक्तित्व है। वह स्ट्रीट फाइटर हैं और उन्हें सुर्ख़ियों में बने रहना आता है। दूसरा, भाजपा के नेतृत्व ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ है और भाजपा की तीनों प्रमुख तोपें, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा वहाँ लगातार गर्ज रहीं हैं। तीसरा, राज्य का हिंसक राजनीतिक इतिहास है। और चौथा, यह चुनाव देश की भावी राजनीति को तय करेगा। पश्चिम बंगाल के 2016 […]

विनाश काले विपरीत बुद्धि Madness in Bengal

December 17, 2020 Chander Mohan 0

यूनानी नाटककार युरीपाइडिस जो ट्रैजिडी लिखते थे ने लिखा है, ‘जिन्हें देवता नष्ट करना चाहें उन्हें वह पहले पागल बना देते हैं’। अपनी देसी भाषा में हम इसे ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ भी कह सकतें हैं। जिस तरह उनके पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के क़ाफ़िले पर हमला किया गया,उसे करवाने वालों की मति भ्रष्ट होने के सिवाय और क्या कहा जाएगा? पत्थरों और ईंटों से उनके क़ाफ़िले पर हमला किया गया और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी की प्रतिक्रिया कि यह सब नौटंकी है, बताती है कि राजनीतिक हिंसा को वह कितना हल्का लेती हैं। यह बहुत कड़वा और दुर्भाग्य पूर्ण सत्य है कि राजनीतिक हिंसा बंगाल की राजनीति का हिस्सा […]

विकल्प है, तो विकल्प क्या है? (Where is the alternative ?)

March 15, 2018 Chander Mohan 0

सोनिया गांधी ने घोषणा की है कि वह भाजपा तथा नरेन्द्र मोदी को सत्ता में वापिस आने नहीं देंगे। उनका यह भी विश्वास है कि 2019 में कांग्रेस वापिसी करेगी। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वह जानती थी कि मनमोहन सिंह उनसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे लेकिन फिर सवाल उठता है कि उन्होंने पर्दे के पीछे से मनमोहन सिंह की लगाम अपने हाथ में क्यों रखी? मनमोहन सिंह को तो एक प्रकार से स्टैपनी प्रधानमंत्री बना दिया गया जिनकी इज्जत न पार्टी करती थी न उनके मंत्री। उनका बड़ा तमाशा तो तब बन गया था जब राहुल गांधी ने जबरदस्त अहंकार दिखाते हुए उस वक्त मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश के टुकड़े कर दिए जब प्रधानमंत्री वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति से […]