दहशत में राजनीति

October 29, 2013 Chander Mohan 0

 दहशत में राजनीति यह सौभाग्य ही कहा जाएगा कि पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए बम विस्फोट के बाद भगदड़ नहीं मची और लोगों ने संयम के साथ नरेंद्र मोदी का भाषण सुना लेकिन यह साफ है कि 2014 के राजनीतिक अभियान ने हिंसक तथा दहशत भरा मोड़ ले लिया है। केंद्र तथा प्रादेशिक सरकार को एकदम सतर्क तथा सावधान हो जाना चाहिए। विशेष तौर पर नरेंद्र मोदी की वही एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जो सोनिया गांधी या राहुल गांधी की है। सब जानते हैं कि वह आतंकवादियों के निशाने पर हैं इसलिए किसी भी चूक की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। केंद्रीय सरकार को राजनीति से ऊपर उठ कर इस मामले में सही निर्णय […]

उमर को चानन हो रहा है!

October 27, 2013 Chander Mohan 0

उमर को चानन हो रहा है! ‘हम नियंत्रण रेखा तथा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के नज़दीक रह रहे नागरिकों के व्यापक हित को देखते हुए बुलेट से बदला नहीं लेना चाहते पर इसका यह अर्थ नहीं कि बुलेट का जवाब बुलेट नहीं हैं।’ यह शब्द जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हैं। यह वही उमर अब्दुल्ला है जो पाकिस्तान के साथ वार्ता के बहुत समर्थक रहे हैं और जिनका मानना था कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को विशेष अधिकार देने वाले कानून (एएफएसपीए) की अब जरूरत नहीं। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से न केवल नियंत्रण रेखा बल्कि अब अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी गोलाबारी जिसके कारण जम्मू-कश्मीर में सीमा से लगते क्षेत्रों से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है, से परेशान उमर […]

‘गांधी-थकावट’ से पीड़ित है यह देश

October 23, 2013 Chander Mohan 2

 ‘गांधी-थकावट’ से पीड़ित है यह देश कांग्रेस पार्टी अधिकृत तौर पर इस बात का सख्ती से प्रतिवाद कर चुकी है लेकिन कांग्रेस के अंदर से यह आवाज़ उठनी बंद नहीं हो रही कि प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति के मैदान में उतारा जाए।  इस मांग से दो तीन बीतें निकल रही हैं। एक कि ज़मीनी स्तर पर कांग्रेस के नेता तथा कार्यकर्ता पार्टी की हालत के बारे चिंतित हैं। उन्हें सत्ता की आदत पड़ गई है अब घबराहट है कि यह हाथ से निकल न जाए। दूसरा, वह ‘भईया’ के नेतृत्व से असंतुष्ट हैं। समझ गए हैं कि वे ‘भार’ उठाने में सफल नहीं रहे। राहुल मेहनत बहुत कर रहे हैं देश भर के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कहीं […]

सपनों का सोना?

October 19, 2013 Chander Mohan 0

सपनों का सोना? यह हैरान करने वाली बात है कि आज के युग में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 19वीं शताब्दी के एक किले में देश का पुरातत्व विभाग सोने की खोज में इसलिए खुदाई कर रहा है क्योंकि एक साधु ने सपना देखा है कि वहां 1000 टन सोना दबा हुआ है। यह भी मालूम नहीं कि संत शोभन ने 1000 टन का सपना कैसे देख लिया? यह एक टन भी तो हो सकता है? बस एक सपना और वहां मेला लग गया है। पुरातत्व विभाग जब खुदाई करता है तो पहले जांच करता है। ऐसे यंत्र हैं जो बता सकते हैं कि क्या वास्तव में नीचे धातु है या नहीं? लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया। […]

प्रकृति से जीते मानव से हारे

October 16, 2013 Chander Mohan 0

प्रकृति से जीते मानव से हारे चक्रवाती तूफान फाइलिन की धार कुंद पड़ गई है। जितना यह भयानक तूफान था बहुत तबाही हो सकती थी लेकिन सभी सरकारी एजंसियों ने सही काम किया। मौसम विभाग ने सही बताया कि तूफान कहां आएगा, कब आएगा और इसकी गति क्या होगी। केंद्रीय सरकार के साथ तालमेल कर ओडिशा सरकार तथा आंध्रप्रदेश सरकारों ने लाखों लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। सुनामी के समय भी हमने देखा था कि अगर सरकारी एजंसियां चुस्त रहें तो वह किसी भी प्राकृति आपदा से निपट सकती हैं। 30 अक्तूबर 1999 में ऐसा ही तूफान ओडिशा में आया था। कई सौ लोग मारे गए थे। पूरी अराजक स्थिति थी। ऐसी ही स्थिति हमने हाल ही में उत्तराखंड में […]

हैल्थ विभाग किस मर्ज़ की दवा है

October 13, 2013 Chander Mohan 0

हैल्थ विभाग किस मर्ज़ की दवा है? पहले कहा जाता था कि मच्छर रहेगा, मलेरिया नहीं।  पर आज हालत है कि न केवल मच्छर है, मलेरिया है, बल्कि मलेरिया का बाप डेंगू भी देश भर में लोगों को तड़पा रहा है। हर जगह से समाचार आ रहे हैं कि हस्पताल डेंगू के मरीज़ों से भरे जा रहे हैं और कई हस्पताल ऐसे भी है जहां डेंगू के मरीज़ों के लिए जगह नहीं है। और अगर जगह है तो उन्हें देने के लिए खून के प्लेटलेटस नहीं हैं। दिल्ली में डेंगू की मार पिछले दस वर्ष में सबसे अधिक है। और दिल्ली केवल राजधानी ही नहीं, यहां अगले महीने चुनाव होने वाले हैं फिर भी सरकार सावधान नहीं हुई। पिछले 3/4 […]