नियंत्रण से बाहर होता किसान आन्दोलन, Kisan Agitation Goes Out of Control
गणतन्त्र दिवस पर दिलली की घटनाएँ बहुत विचलित करने वाली हैं। जो किसान आन्दोलन अपनी शान्ति और व्यवस्था के लिए दुनिया के लिए मिसाल था, अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया। न केवल बैरिकेड तोड़े गए बल्कि अनुशासन में रहने के वादे भी तोड़ दिए गए। जिन मार्ग पर जाने का वादा किया था उन्हें छोड़ते हुए दिलली में घुस गए। आन्दोलन पर किसी का नियंत्रण नही रहा। संयुक्त किसान मोर्चे के नेता जो रोज़ टीवी पर नज़र आते थे, ग़ायब हो गए क्योंकि कोई उनकी सुन नही रहा था। लेकिन ज़िम्मेवारी तो उनकी बनती है। जब ट्रैक्टर मार्च के लिए हज़ारों किसानों को राजधानी में इकट्ठा किया गया तो यह सम्भावना तो सदैव थी कि कुछ नियंत्रण से बाहर […]