
पुराना कहावत है कि आख़िर में पाँच ही बादशाह बचेंगे, चार ताश के और पाँचवा ब्रिटेन का। योरूप में एकाध को छोड़ कर अधिकतर देशों में राजशाही की जगह गणतन्त्र ने ले ली है पर ब्रिटेन में 94 साल की महारानी एलिज़ाबेथ 69 वर्ष से गद्दी पर क़ायम है और उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता बरक़रार है। विंसटन चर्चिल से लेकर आज तक वहां 14 प्रधानमंत्री बदल चुकें है पर महारानी चलती जा रहीं हैं। लंडन टाइम्स ने लिखा है, “ शताब्दियों से शाही परिवार के बने रहने का बड़ा कारण है कि वह ख़ुद को समय के अनुसार बदलते आ रहें हैं। अब फिर बदलने की ज़रूरत है”।
टाइम्स हाल ही में महारानी के छोटे पोते प्रिंस हैरी तथा उसकी पत्नी मेगन मार्कल द्वारा दी गई इंटरव्यू पर चर्चा कर रहा था जिसमें मार्कल ने शाही परिवार पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आरोप लगाया कि उस परिवार में वह इतनी अलग पड़ गई थीं कि एक बार तो आत्महत्या के बारे भी सोचा था। मेगन का पिता श्वेत और माँ अश्वेत है इसलिए उसका मानना है कि उसे शाही परिवार में स्वीकार नही किया गया। पति हैरी ने उसे बताया था कि जब वह गर्भवती थी तो शाही परिवार में इस बात को लेकर चिन्ता व्यक्त की गई कि उनके होने वाले बेटे का रंग कैसा होगा? मेगन का यह आरोप है कि उनके बेटे को शाही विशेषाधिकारों से वंचित रखा गया क्योंकि वह मिश्रित जाति का है।
इस इंटरव्यू के बाद एक प्रकार से अंतराष्ट्रीय विस्फोट हो गया जिसकी गूँज लम्बे समय तक सुनी जाएगी। आरोप लग रहें हैं कि ब्रिटेन का शाही परिवार नस्लभेद और रंगभेद में धस्सा हुआ है। उसके बाद महारानी ने फीका सा बयान दे दिया कि इस आरोप से परिवार को दुख हुआ है और “जो मुद्दे उठाए गए हैं, विशेष तैर पर नस्लभेद…को गम्भीरता से लिया गया है”। हैरी के बड़े भाई प्रिंस विलियमका भी कहना है कि शाही परिवार में नस्लभेद नही है पर उसने भी इस बात का प्रतिवाद नही किया कि हैरी के होने वाले बच्चे के रंग को लेकर शाही परिवार में चिन्ता व्यक्त हो चुकी है। दो घंटे की इस इंटरव्यू जिसे दुनिया में एक करोड से अधिक लोगों ने देखा है,के बाद शाही परिवार रक्षात्मक हो गया है। एक बार फिर साबित हो गया है कि वह जितना भी दिखावा करें कि समय के साथ वह बदलें है और उदार हो गए हैं पर अन्दर से मानसिकता वही कट्टर श्वेत श्रेष्ठता वाली है। लंडन के डेली मिरर ने इस नए स्कैंडल पर हैडलाइन दी है, ’85 वर्षों में सबसे बड़ा रॉयल संकट’। सन अख़बार के प्रमुख पत्रकार ट्रवर कवनगाह ने तो यहां तक सवाल उठा दिया कि ‘क्या यह रॉयलज का अंत है?’ अभी यह ‘अंत’ तो नज़र नही आ रहा पर इस नए विवाद से रॉयल्टी की चूलें ज़रूर हिल गईं हैं। ब्रिटेन के अन्दर और बाहर विरोधी कह रहें हैं कि इस इंटरव्यू से पता चलता है कि यह संस्था कितनी गली सड़ी और असंवेदनशील बन चुकी है।
मेगन के आरोपों के बाद उत्पन्न विवाद की तुलना 1936 में एडवर्ड आठवें द्वारा गद्दी छोड़ना क्योंकि उन्हें अपनी तलाकशुदा प्रेमिका से शादी करने की इजाज़त चर्च ने नही दी थी, और 1997 में प्रिंसेस डायना की दुर्घटना में मौत से की जा रही है। इन दोनों मामलों में भी शाही परिवार ने ग़ज़ब की असंवेदनशीलता दिखाई थी। इनके इलावा हर साल दो साल के बाद किसी न किसी सदस्य का स्कैंडल हैडलाइन बन जाता है।शाही परिवार को सबसे बड़ा झटका प्रिंस चार्ल्स और डायना के विवाह के बाद पहुँचा था। बाहर से तो यह मिलन परियों की कहानी सा लगता था पर अन्दर बुरा तनाव और टकराव था। कारण चार्ल्स का अपनी पुरानी प्रेमिका कैमिला के साथ प्रेम सम्बन्ध था जो डायना के साथ शादी के बाद भी जारी रहा। एक इंटरव्यू में डायना ने शिकायत की थी, ‘देखिए, इस विवाह में हम तीन लोग थे। इसलिए भीड़ कुछ अधिक थी’। डायना की मौत के बाद चार्ल्स ने कैमिला के साथ शादी कर ली पर उसे भी अभी तक शाही परिवार ने पूरी तरह स्वीकार नही किया। उसे ‘डच्चेस’ का ख़िताब दिया गया है न कि ‘प्रिंसेस’ का, जो चार्ल्स की पत्नि को मिलना चाहिए। जब चार्ल्स महाराजा बनेंगे तो कैमिला को ‘महारानी’ का ख़िताब नही मिलेगा क्योंकि वह तलाकशुदा है इसलिए वह महारानी नही हो सकती।
लेकिन असली ट्रैजडी डायना की थी जिसका पति खुलेआम बेवफ़ा था पर शाही परिवार से उसे तनिक भी सहारा नही मिला जिसका अंजाम पेरिस में दुर्घटना में डायना की मौत से हुआ। इसने शाही परिवार की क्रूर असंवेदनशीलता को नंगा कर दिया कि वह तो प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी की माँ की मौत पर भी सही शोक व्यक्त करने को तैयार नही थे। शाही परिवार के सदस्य तो महल से तब बाहर निकले जब लोगों ने उन्हें धिक्कारना शुरू कर दिया था। ज़िन्दगी और मौत मे अपनी माँ के साथ हुए अनुचित व्यवहार का सबसे बुरा असर 12 वर्ष के प्रिंस हैरी पर पड़ा, जिसने नवीनतम घटनाक्रम की नींव रख दी। डायना ने एक इंटरव्यू मे बताया था कि किस प्रकार वह महल में अकेली थीं, अवसाद से ग्रस्त थीं और ख़ुद को हानि और चोट पहुँचाने के बारे सोचने लगी थी पर परिवार से सहानुभूति की जगह उपहास मिला था। इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार ने बताया था कि वह तो दिलों पर राज करना चाहती थी पर ‘शाही मशीन के जाल में फँस चुकी थी’। इस इंटरव्यू के 26 साल बाद डायना की पुत्रवधू मेगन मार्केल भी वही बात दोहराती नज़र आ रही हैं। मेगन का भी कहना है कि हालात इतने असहनीय हो गए थे कि वह आत्महत्या के बारे सोच रहीं थी। पर दोनों महिलाओं में अंतर है। डायना समझती थी कि उसे निशाना बनाया जा रहा है जबकि मेगन का इंटरव्यू उस आत्मविश्वस्त महिला का था जो बदला लेने के लिए शाही परिवार का ही शिकार कर रही थी !
डायना भी एक प्रेमी से दूसरे तक सफ़र करती रही। प्रेमियों की उसकी लम्बी लिस्ट थी। जिस समय उसकी पेरिस में दुर्घटना में मौत हुई उसका मुस्लिम प्रेमी डोडी साथ था। लेकिन मेगन किसी और मिट्टी की बनी हुई है। वह अभिनेत्री रही है इसलिए नाटक करना आता है। जैसे एक ब्रिटिश पत्रकार ने भी लिखा है, ‘लड़ने के लिए शाही परिवार ने बहुत ग़लत महिला चुनी है’। उसके मिश्रित जाति के होने के कारण शाही परिवार ने उसे स्वीकार नही किया जिसका बदला वह ले रही है। वह अपने पति हैरी को लेकर अमेरिका में जाकर बस गई हैं। दोनों का कहना है कि उन्होंने शाही ड्यूटी से ‘क़दम पीछे हटा लिया है’। और अब एक सोची समझी योजना के अंतर्गत वह परिवार की धज्जियाँ उड़ा रहीं है। उसका इशारा है कि यह निष्ठुर परिवार मेरे साथ भी वही कर रहा है जो डायना के साथ किया गया औरडायना की ही तरह मैं भी आत्महत्या के बारे सोच रही थी। पर कौन कह सकता है कि हालीवुड की यह पूर्व अभिनेत्री सच बता रही है? आख़िर यह बात तो केवल उसे ही मालूम है, कोई और गवाह नही। जिस तरह अपने पति का परिवार के साथ रिश्ता तुड़वा कर वह उसे अमेरिका ले गई उससे यह आभास नही मिलता की वह इतनी असुरक्षित है कि आत्महत्या के बारे सोच सकती है। सारा प्रयास डायना नम्बर दो बनने का लगता है यह जानते हुए कि पति हैरी अपनी माँ को खोने और उसके साथ किए गए सलूक से अभी तक त्रस्त है और अपने शाही परिवार के प्रति उसमें कोई लगाव नही है।
कई लोग शाही परिवार के धारावाहिक की इस किश्त को अंत की शुरूआत कह रहें है कि लोगों का मोह भंग हो रहा हैले किन यह लोग इस संस्था की मज़बूती को कम आंक रहें हैं। अतीत और वर्तमान में विरोधाभास सामने आ रहा है। शायद बदलाव आ जाए पर जैसे फोर्बोस पत्रिका ने लिखा है ‘ यह शाही बिसनेस 1000 साल से चल रहा है’ और बदलाव करना उस संस्था में इतना आसान नही जो अपने अतीत से जुड़ा हुआ है। अंग्रेज़ उनके नख़रों के उतने ही आदी हैं जितने इनके स्कैंडलो के। बहुत लोग वहां राजाशाही के वफादार हैं जिसे सरकारी ख़ज़ाने से 2019 में 8.2 करोड़ पौंड दिए गए थे। दो विश्व युद्ध भी इनका कुछ नही बिगाड़ सके तो क्या छोटी बहू मेगन कुछ बिगाड़ सकेगी?
महल उनके निजी और सार्वजनिक जीवन के बीच पर्दा डाल कर अपने वफ़ादारों की रक्षा करने की कोशिश करता है लेकिन महल की बंद और सख़्त ज़िन्दगी बहुत घुटन भरी हो सकती है, जो डायना जान गई थी और हैरी को मालूम है। यह एक सुनहरी पिंजरा है। जो ख़ुद को यहाँ क़ैद पाते हैं वह या तो डायना की तरह नष्ट हो जाते है या मेगन की तरह पति समेत पलायन कर जाते हैं।
महारानी एलिज़ाबेथ की ज़िन्दगी पर बनी धारावाहिक ‘द क्राउन’ जिसे कई लोग सच्चाई के काफ़ी नज़दीक समझते हैं, में बताया गया है कि इस माँ ने कभी अपने बच्चों को गले नही लगाया। एलिजाबेथ के लिए सब कुछ उनका राजधर्म है जो उन्होंने बख़ूबी निभाया है इसीलिए जनता में उनकी उतनी इज़्ज़त भी है। अगर यह संस्था बची हुई है तो यह महारानी एलिज़ाबेथ के व्यक्तित्व के कारणहै पर आने वाले वर्षों में उनकी जगह चार्ल्स लेंगे। तब इस शाही परिवार की अग्नि परीक्षा शुरू होगी क्योंकि चार्ल्स ख़ुद को बेवफा पति और लापरवाह पिता साबित कर चुकें हैं।