वह साल जो हमें ज़ख़्मी छोड़ गया, The Year That Left Us Wounded

December 30, 2021 Chander Mohan 0

उन तस्वीरों को भूलना मुश्किल है। यह वह तस्वीरें हैं जो देश की आत्मा को झुलसाने वाली थीं। कहीं चिताएँ जल रहीं थी तो कहीं अस्पतालों के आगे एमबूलैंस की क़तार खड़ी थी तो कहीं कोरोना के मरीज़ों के घरवाले डाक्टरों से गिड़गिड़ा रहे थे कि मरीज को दाख़िल कर लें। एक एक आक्सिजन के सिलैंडर के लिए लोग तड़प रहे थे। शमशानों के आगे लाईने लगी थी। एक दम लॉकडाउन के कारण कई कई दिन पैदल गाँव के लिए चलते बेरोज़गार हुए  प्रवासियों के चित्र भी देखे। बेबसी और आशाहीनता की स्थिति थी।    पराकाष्ठा तो तब हुई जब गंगा में शव बहते नजर आए। कम से कम मैंने अपनी ज़िन्दगी में ऐसे दृश्य कभी नही देखे।  कुछ दिनों मे […]

1971 की विजय और इंदिरा गांधी, 1971 and Indira Gandhi

December 23, 2021 Chander Mohan 0

इस महीने हम स्वर्णिम विजय दिवस मना रहें हैं जब 16 दिसम्बर 1971 को उस वक़्त के पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान की सेना ने समर्पण कर दिया था और एक आजाद बांग्लादेश का उदय हुआ था। डा.कर्ण सिंह जो तब मंत्रिमंडल के सदस्य थे बताते हैं कि ‘प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक प्रकार से भागती सदन में पहुँची थी…उनके पहुँचते ही सदन ख़ामोश पड़ गया। वह अपनी सीट पर खड़ी हो कर बोली, मिस्टर स्पीकर, ढाका ने भारतीय सेना और मुक्ति बाहनी के आगे समर्पण कर दिया है। सदन जश्न में फूट पड़ा’। जश्न तो बनता ही था। एक झटके में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और दो राष्ट्र की अवधारणा को समाप्त कर दिया और इसके साथ […]

भारत-रूस, ढीली दोस्ती, India -Russia Weak Friendship

December 16, 2021 Chander Mohan 0

     एक समय था जब सोवियत यूनियन के नेता निकिता क्रुश्चेव ने भारत से कहा था ‘आप हिमालय से हमें आवाज़ लगाओ हम दौड़े चले आऐंगे’। इससे पहले सितम्बर 1959 में बीजिंग में एक तल्ख़ मुलाक़ात के दौरान क्रुश्चेव ने माओ जीडोंग पर आरोप लगाया था कि भारत के साथ झड़प और तिब्बत की स्थिति जिसके कारण दलाई लामा को तिब्बत छोड़ना पड़ा, के लिए पूरे तौर पर चीन ज़िम्मेवार है। क्रुश्चेव इतने नाराज़ हो गए कि अपनी सरकारी यात्रा बीच छोड़ बीजिंग से  लौट आए।  1962 के युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन का झुकाव हमारी तरफ था। तब से लेकर अब तक स्थिति बहुत बदल चुकी है। शीतयुदध में पश्चिम के हाथो पराजित होने का बाद सोवियत यूनियन ही […]

इंडिया के बाहर इंडिया, Indians Abroad, And At Home

December 9, 2021 Chander Mohan 0

पराग अग्रवाल के ट्वीटर के सीईओ बनने पर देश में दिलचस्प दिलचस्पी है। एक तरफ जहाँ ‘अग्रवालजी का बेटा’ या ‘अग्रवाल ट्वीट भंडार’ या ‘अग्रवाल ट्वीट्स शॉप’ को लेकर  स्वस्थ मज़ाक़ हो रहा है वहां बड़ा गर्व है कि हमारे एक और  नौजवान ने विश्व मंच पर अपना झंडा गाढ़ दिया है। विशेष तौर पर आईटी के क्षेत्र में भारतीयों का वर्चस्व है जो बात टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी स्वीकार की है कि ‘अमेरिका को भारतीय प्रतिभा से बहुत फ़ायदा है’। यह बात शायद अमेरिका में उन लोगों के लिए कही गई जो वहां मिलने वाले H1-B वर्क वीज़ा पर पाबन्दी लगाने या उनकी गिनती कम करने की वकालत करते रहतें हैं। यह हक़ीक़त है कि भारतीय […]

उड़ानों की अनिश्चित उड़ान, Uncertain Flight of Flights

December 2, 2021 Chander Mohan 0

भारत ने 15 दिसम्बर से कुछ देशों को छोड़ कर अंतराष्ट्रीय उड़ाने शुरू करने की घोषणा की थी जिसे अब वापिस से लिया गया है। इससे बहुत लोगों को राहत मिलती जिनका कामकाज बाहर है या मेरे जैसे जिनके परिवार बाहर हैं। अमेरिका तथा यूएई जैसे देशों के साथ आकाश खोल दिया गया है पर उड़ाने अभी भी नियमित नही हो पाई और वह महँगी बहुत हैं।  दक्षिण अफ़्रीका में पाए जाने वाला कोरोना के नए वेरियंट ‘ओमिक्रॉन’ जिसे डब्लयूएचओ ने पहले ‘चिन्ता का मामला’ और अब ‘ऊँचा खतरा’ कहा है, के कारण  अनिश्चितता पैदा हो गई है।  कई देशों ने 7 अफ़्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर पाबन्दी लगा दी है। जापान और इसरायल ने  अपनी सीमाऐं विदेशियों […]