क्या शिमला से रोमांस ख़त्म हो जाएगा ? Will Romance With Simla Last ?

July 27, 2022 Chander Mohan 0

शिमला से मेरा रोमांस बचपन से है जब देश के विभाजन के बाद कुछ देर के लिए हम छोटे शिमला की डिम्पल कॉटेज में रहने लगे थे पर उधर सर्दी बहुत थी इसलिए दूसरी जगह शिफ़्ट करना पड़ा था। जवान हुए तो छुट्टियों में दोस्तों के साथ मॉल रोड और रिज के चक्कर लगाते जूते घिसा  दिए। इनके जंकशन पर सकैंडल पॉइंट है जिसके बारे चर्चा है कि यहाँ से पटियाला के महाराजा भूपिन्दर सिंह वायसराय की बेटी को ले भागे थे जिसके बाद उनके शिमला आने पर पाबंदी लगा दी गई थी। बदले में महाराज ने चैल को स्थापित किया जहां एक खूबसूरत महल भी है जो अब टूरिस्ट रिसॉर्ट है। इससे कुछ दूर अमरेन्द्र सिंह का बंगला और […]

भारत -चीन :एशिया की म्यान में दो तलवारें, As India And China Compete

July 21, 2022 Chander Mohan 0

लद्दाख की गलवान वादी में भारत और चीन के बीच हिंसक टकराव के दो वर्ष से उपर हो चुकें हैं। इस टकराव में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के हताहत का सही आँकड़ा जारी नहीं किया गया। इस टकराव ने भारत चीन रिश्तों को दशकों के सबसे निचले स्तर पर ला खड़ा किया था। तब से दोनों देश सम्बंध सुधारने का कुछ प्रयास तो कर रहें हैं पर परनाला वहीं का वहीं है। रविवार को दोनों के बीच 16वें दौर की बारह घटें चली वार्ता  भी किसी नतीजे पर नहीं पहुँची। भारत  चाहता है कि दोनों देशों की सेनाएँ उस जगह लौट जाएँ जहां मई 2020 के चीन के अतिक्रमण से पहले थीं, पर चीन का रवैया […]

जब हमें कोविड हुआ, When We Caught Covid

July 14, 2022 Chander Mohan 0

पहली तीन भयानक लहरों में बचने के बाद कोरोना वायरस जिसे कोविड-19 कहा जाता है, की चौथी लहर में हम क़ाबू आगए।  16 जून को हमारा टैस्ट पॉसिटिव आया। दो दिन पहले से हल्का बुख़ार और खांसी इत्यादि थी। शरीर भी टूट रहा था। सोचा वायरल भी हो सकता है पर जब टैस्ट करवाया तो कोविड निकला। अधिकतर लोग टैस्ट नहीं करवाते  क्योंकि लक्षण हल्के होते है। वह इससे वायरल की तरह निबटते हैं और इंफ़ेक्शन फैलाते जाते हैं। हमे दो दिन हल्का बुख़ार जो 101 तक रहा, आता जाता रहा। केवल दो बार पैरासिटामोल दवाई लेनी पड़ी। हमने सात दिन खुद को आईसोलेट रखा। बुख़ार एकदम उतर गया यहाँ तक कि 97 पर गिर गया। तब इसकी चिन्ता हुई […]

एक और राजनीतिक-वंश का पतन, Fall of Another Dynasty

July 7, 2022 Chander Mohan 0

मार्च 1985 की बात है। मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के चुनाव में अच्छा बहुमत प्राप्त किया था। जीत की ख़ुशी में वह प्रधानमंत्री राजीव गाँधी से मिलने गए यह सोचते हुए कि शाबाश मिलेगी। पर उल्टा राजीव गांधी ने यह कहते हुए कि पंजाब की स्थिति अच्छी नहीं आप जैसे योग्य व्यक्ति की वहाँ ज़रूरत है,  उन्हें राज्यपाल बना कर पंजाब भेज दिया। उनकी जगह मोतीलाल वोरा को मध्य प्रदेश का सीएम बना दिया गया। अनिच्छुक और अप्रसन्न अर्जुन सिंह को पंजाब जाना पड़ा जहां उन्होंने बड़ी मुश्किल से आठ महीने काटे थे। तब ही दिल्ली के एक प्रभावशाली मित्र ने समझाया था कि दिल्ली वाले अपने मुताबिक़ चलते हैं,किसी की ज़्यादा परवाह नहीं करते।  […]