कुछ नहीं तो ख़्वाब-ए- सहर देखा तो है, Yatra: Atleast A New Narrative

January 26, 2023 Chander Mohan 0

आज 26 जनवरी है जिस दिन ‘हम,भारत के लोग’ ने खुद को संविधान दिया था। एमरजैंसी के महीनों को छोड़ कर इस संविधान ने देश को सही दिशा में रखने में बड़ी भूमिका निभाई है। आजकल ज़रूर संविधान के ‘बेसिक स्ट्रकचर’ को लेकर बहस चल रही है पर यह स्वस्थ बहस है और संविधान इसकी इजाज़त देता है। अगर सरकार जज नियुक्त करने के ‘कौलीजियम’ सिस्टम पर सवाल उठा रही है तो यह भी उसका अधिकार है, लोकतंत्र इसकी इजाज़त देता है। इन वर्षों में देश ने बहुत तरक़्क़ी की है और चर्चिल जैसे लोगों को झूठा करार दिया जो देश की आज़ादी के समय यह भविष्यवाणी कर रहे थे कि भारत का बिखराव कुछ ही समय की बात है। […]

पंजाब से चिन्ताजनक ,Worrying News From Punjab

January 19, 2023 Chander Mohan 0

पंजाब के  औद्योगिक शहर लुधियाना में बड़ा अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट पकड़ा गया है। शहर के ठीक बीच दो हेरोइन बनाने वाली फ़ैक्ट्री पकड़ी गई है। 18 लोग पकड़े गए हैं और 30 जायदाद सील कर दी गईं हैं। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार  ड्रग्स का पैसा शराब व्यापार, राइस मिल,और यहाँ तक कि चंडीगढ़-मोहाली-पंचकुला के क्लबों और नाईट क्लब में निवेश किया गया है। दिलचस्प है कि जो पकड़े गए हैं वह सामान्य बिसनेसमैन है जिनका पिछला आपराधिक रिकार्ड नही है। अफ़ग़ानिस्तान से पाकिस्तान की मार्फ़त अफ़ीम आती है जिसे लुधियाना के ठीक बीच रिफ़ाइन किया जाता है। जिसे ‘ड्रग लार्ड’ कहा जाता है, अक्षय कुमार छाबड़ा, दो साल में चाय बेचने वाले से करोड़ोंपति बन गया था। बेहद […]

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ है !, Where Are They Who Are Guardians Of India

January 12, 2023 Chander Mohan 0

10 साल बीत गए पर न स्थिति में परिवर्तन आया, न व्यवस्था ही सुधरी और न ही मानवीय संवेदना ही जागी। 16 दिसम्बर 2012 को राजधानी दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ हैवानियत और बाद में उसकी मौत, से देश की आत्मा तड़प उठी थी। सख़्त क़ानून बनाया गया और समझा गया कि अब समाज में बदलाव आएगा। पर दस साल के बाद 31 दिसम्बर और 1 जनवरी की रात दिल्ली में ही जिस तरह ब्लैरो कार के नीचे 14-15 किलोमीटर  घसीट कर अंजलि सिंह मारी गई, से पता चलता है कि कुछ नहीं बदला। दिल्ली की सड़कें पहले की तरह असुरक्षित हैं, और शासक पहले की तरह बेदर्द और बेसुध हैं। न व्यवस्था बदली, न ही मानवीय […]

शी जीनपिंग और अनिच्छुक मछली, Covid Trouble For Xi Zinping

January 5, 2023 Chander Mohan 0

 वर्ष के अंत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग जो खुद को एक प्रकार का आधुनिक सम्राट समझने लगे थे, के मज़बूत लगने वाले क़िले की कुछ ईंटें गिरनी तो कुछ खिसकनी शुरू हुई हैं। यह प्रक्रिया रूक जाती है या जारी रहती है, पर वैश्विक राजनीति का भविष्य टिका है। चीन एक सुपरपावर है जो शांत और भद्र नहीं है। वह आक्रामक और विध्वंसक महाशक्ति है। उसे यह छवि देने में शी जीनपिंग की बड़ी भूमिका रही है। वह माओ त्सी तुंग की तरह एकमात्र और सर्वोच्च नेता बनना चाहते है पर भूल गए कि दुनिया बदल गई है और चीन के लोग भी आज़ादी की हवा से अछूते नहीं है। हर ताकतवर नेता […]