गणतंत्र: उपलब्धि और चुनौती, Republic: Achievements And Challenges
गणतंत्र की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण मील पत्थर है क्योंकि आज़ादी के समय चर्चिल समेंत बहुत लोगों ने भविष्य वाणी की थी कि कुछ ही समय में हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और ‘लड़ाई झगड़ें में लुप्त हो जाएगा’। हमने न केवल हमारे अशुभ की कामना करने वालों को ग़लत साबित कर दिया बल्कि अस्थिरता के समुद्र में स्थिरता और प्रगति की मिसाल क़ायम कर दी। भारत लोकतांत्रिक देश है जबकि हमारे चारों तरफ़ देश या तानाशाही बन चुकें हैं या सैनिक शासन क़ायम है या भारी उथल-पुथल से गुजर रहें हैं। यहाँ हर चुनाव ने लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत किया है। दोनों शासक और शासित समझतें हैं कि यह देश केवल […]