पाकिस्तान, पानी और खून, Pakistan, Pani And Khoon

May 1, 2025 Chander Mohan 0

पाकिस्तान की तरफ़ से कितने आतंकी हमले हुए हैं उनकी गिनती नहीं है। पहलगाम में बैसरन पर हमले से पहले 2000 में छतीसिंहपुरा, 2001 में संसद, 2002 में कालूचक, 2006 डोडा, 2008 में मुम्बई, उरी 2016, नगरोटा सेना मुख्यालय 2016, 2018 संजुवान सेना कैम्प, पुलवामा 2019, के बड़े हमले हो चुकें है। छोटे हमले तो नियमित चल रहें हैं। हर हमले के बाद पाकिस्तान संलिप्तता से इंकार करता है जबकि सब जानते हैं कि आतंकवादियों को सीमा पार ट्रेनिंग मिलती है। पाकिस्तान ने सदा ही राज्य प्रायोजित आतंकवाद को अपनी रणनीति का हिस्सा समझा है। 2019 में बालाकोट पर स्ट्राइक के बाद कुछ देर चैन रही थी। समझा गया कि हमने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लाल रेखा स्पष्ट कर दी […]

यह हमला अक्षम्य है, दंडनीय है, This Attack Is Unforgiveable And Needs Punishment.

April 24, 2025 Chander Mohan 0

पहलगाम में टूरिस्ट पर हमला केवल पहलगाम पर या कश्मीर पर हमला नहीं है। यह सीधे तौर पर भारत पर हमला है। कर्नाटक से गए एक परिवार के मंजूनाथ की हत्या करने के बाद उनकी पत्नि को एक आतंकी ने कहा भी है, “जाओ मोदी को यह बता देना”। हमला पहलगाम से उपर बैसरन वादी में एक टूरिस्ट ग्रुप पर किया गया। इस जगह कोई सड़क नहीं है, केवल पैदल या घोड़े पर जाया जा सकता है। अभी तक 26 टूरिस्ट के मारे जाने का समाचार है, कई घायल है। वैसे तो जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाऐं लगातार हो रही है पर टूरिस्ट को कम निशाना बनाया जाता रहा है। कश्मीरी ऐसे हमले पसंद नही करते क्योंकि उनकी रोज़ी रोटी […]

मुम्बई पर 26/11 हमला: हमारी प्रतिक्रिया अशक्त थी, Mumbai 26/11 Attack: Our Reaction Was Feeble

April 17, 2025 Chander Mohan 0

“मैं उस दिन का सपना देखता हूं जब हम अमृतसर में ब्रेकफास्ट, लाहौर में लंच और काबुल में डिनर कर सकेंगे”—डा. मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री भारत, 8/1/2007 महीने के अंदर अंदर ही यह शब्द हमारे भोले प्रधानमंत्री को परेशान करेंगे क्योंकि 26/11/2008 को पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों ने मुम्बई, पर हमला कर दिया। तीन दिन गोलीबारी होती रही जिसमें 166 लोग मारे गए। मुम्बई पर हमले से कोई सबक़ नही सीखा गया। दोस्ती का हाथ लेकर प्रधानमंत्री वाजपेयी बस में लाहौर गए और कारगिल हो गया, नरेन्द्र मोदी नवाज़ शरीफ़ के पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए लाहौर उतरे तो उरी और पठानकोट एयर बेस पर हमले हो गए। मुम्बई हमले के एक बड़े आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को […]

ट्रम्प के हाथ में उस्तरा, World In Unstable Hands

April 10, 2025 Chander Mohan 0

अमेरिका का राष्ट्रपति दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है। वैसे तो रूस और अब चीन के राष्ट्रपति भी बहुत ताक़त रखते हैं पर अमेरिका के राष्ट्रपति का मुक़ाबला नहीं। अमेरिका के एक राष्ट्रपति हैरी एस.ट्रूमैन ने हिरोशिमा और नागासाकी पर बमबारी का आदेश दिया था जिसमें लाखों मारे गए थे। बताया जाता है कि परमाणु बम के जनक रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने ट्र्मैन से पहले राष्ट्रपति रूज़वेल्ट को इसके इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी थी कि यह मानवता का विनाश कर सकता है पर उनकी मौत हो गई और विश्व युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रूमैन ने जापान पर बमबारी का आदेश दे दिया। जब शक्ति पर कोई नियंत्रण न रहे तो यही होता है, वह क्रूर और असंवेदनशील बन जाती […]

पंजाब में राजधर्म, Raj Dharma In Punjab

April 3, 2025 Chander Mohan 0

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पानी पीकर अपना ‘अनिश्चितकालीन अनशन’ समाप्त कर दिया है। ऐसा पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है। वह 26 नवम्बर से किसानों की माँगों को लेकर अनशन पर थे। चाहे कुछ किसान नेताओं का कहना है कि डल्लेवाल ने अनशन समाप्त नहीं किया पर उनके पानी पीने से सरकार को राहत मिलेगी। इस बीच 13 महीनों के बाद सरकार ने ज़बरदस्ती शंभु और खनौरी बॉर्डर से किसानों का धरना हटा दिया है। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही शुरू हो गई है। जो किसान गिरफ़्तार किए गए उन्हें भी रिहा कर दिया गया है। बार्डर खुलने से राजपुरा और अम्बाला के आसपास के गाँवों और क़स्बों में रहने वाले लोगों को तो राहत मिली […]

हम मूर्खता की हदें पार कर रहें हैं, We Are Crossing Limits Of Foolishness

March 27, 2025 Chander Mohan 0

मुग़ल बादशाह औरंगजेब की मौत 1707 में हो गई थी। उसकी मौत एक बूढ़े थके हुए आदमी की थी जिसने खुद स्वीकार किया था कि उसने बड़े पाप किए हैं। यह भी लिखा था कि ‘ख़ुदा किसी को बादशाह न बनाए’। दक्षिण में लम्बा सैनिक अभियान उसे खोखला छोड गया था। उसे महाराष्ट्र में औरंगाबाद से कुछ दूर खुलताबाद में एक साधारण कब्र में दफ़नाया गया जिसके उपर छत भी नहीं थी, न ही दीवार है। बताया जाता है कि औरंगजेब खुद ऐसा चाहता था और अपनी वसीयत में लिख गया था। संगमरमर का फ़र्श और जाली बाद में लगाए गए नहीं तो पहले उसके दफ़नाए जाने की जगह मिट्टी का ढेर ही था। आज 318 साल के बाद उसकी […]