पवार बेपरवाह है !

July 4, 2013 Chander Mohan 0

पवार बेपरवाह है! आखिर वह क्षण आ ही गया। बहुत देर आनाकानी करने तथा लुकन-छिपाई खेलने के बाद राहुल गांधी ने घोषणा कर दी है कि वह बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है चाहे कब और कैसे होगा इसका फैसला उन्होंने सोनिया गांधी तथा मनमोहन सिंह पर छोड़ दिया। जब सलमान खुर्शीद ने कहा कि राहुल केवल झलक ही दिखलाते हैं और उन्हें आगे आकर दिशा और नेतृत्व देना चाहिए तब ही समझ आ गया था कि कुछ खिचड़ी पक रही है नहीं तो सलमान खुर्शीद की यह जुर्रत नहीं कि युवराज पर कटाक्ष कर सके। उसके बाद केंद्रीय मंत्रियों तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ऊंची-ऊंची मांग करनी शुरू कर दी कि ‘राहुल लाओ, हमें बचाओ।’ पर ऐसी […]

हम कैसे हैवान पैदा कर रहे हैं

July 4, 2013 Chander Mohan 0

हम  कैसे  हैवान पैदा  कर रहे हैं हाल की दो बड़ी घटनाओं ने बहुत विचलित किया है। पहली घटना जालन्धर से है जहां बरुंडी से आए एक अश्वेगत छात्र को कुछ पंजाबी छात्रों ने मामूली झगड़े के बाद पीट-पीट कर अधमरा सड़क पर छोड़ दिया। वह तीन महीने से कोमा में है। न पंजाब सरकार और न ही प्राईवेट यूनिवर्सिटी जहां वह पढ़ रहा था ने ही उसकी सुध ली। 21 अप्रैल की यह घटना है। उसके पिता ने आखिर में मीडिया में 5 जुलाई को इस घटना को उठाया तो 78 दिन के बाद सरकार हरकत में आई। तब उसकी सहायता के लिए 5 लाख रुपए दिए गए और तब गंभीरता से दोषियों को पकड़ना शुरू किया गया। हमलावरों […]

मिस्र में धुंधला सवेरा

July 4, 2013 Chander Mohan 0

मिस्र में धुंधला सवेरा कट्टरवादी इस्लामी संगठन मुस्लिम  ब्रदरहुड के मुहम्मद मुर्सी मिस्र में हुए पहले आजाद  चुनाव में राष्ट्रपति बने हैं। उनसे पहले राष्ट्रपति हुसनी मुबारिक  30 वर्ष सेना की मदद से सत्ता  में रहे थे और काहिरा के  तहरीर चौक में शुरू हुए जन आंदोलन के  बाद उन्हें हटाया गया था। सवाल यह है कि मुर्सी को सेना आजाद तरीके से सरकार चलाने भी देगी?  मुर्सी का कहना है कि वह सेना द्वारा भंग संसद को बहाल करने तथा राजनीतिक बंदियों  को रिहा करवाने का प्रयास करेंगे। इसी से पता चलता है कि नए राष्ट्रपति के पास पूरी ताकत नहीं हैं और वह फूंक-फूंक कर कदम उठाने के  लिए मजबूर हैं। उन्होंने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है […]

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है पंजाबी का मुहावरा है “पिंड वसया नहीं उचक्के पहलां आ गए”, अर्थात्ï गांव तो अभी बसा नहीं बदमाश पहले पहुंच गए। 2014 के चुनाव को लेकर जनता दल (यू) तथा भाजपा के बीच जो रार छिड़ गई है उसके बारे भी यही कहा जा सकता है। दो वर्ष पड़े है और यह भी मालूम नहीं कि राजग की सरकार बनेगी या नहीं पर अभी से इसे लेकर राजग में सर फोडऩे की नौबत आ गई हैं। समझ नहीं आ रही कि इस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भावी प्रधानमंत्री की योग्यता का मामला खोलने की क्या मजबूरी थी सिर्फ इसके कि वह खुद को बहुत बड़ा ‘सैक्यूलर’ सिद्ध करना चाहते हैं। उनकी […]