ओनली मोदी!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

ओनली मोदी! चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जब दिल्ली भाजपा कार्यालय आए तो वहां ‘पीएम’ ‘पीएम’ के नारे लगे। शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद अहमदाबाद में उनकी रैली में भी यही नारे लगे थे। दिल्ली में मोदी ने भी कार्यकर्ताओं को कह दिया कि  उन्हें जो जिम्मेवारी दी जाएगी उसे पूरी शिद्दत से निभाने का प्रयास करेंगे। अर्थात् वे तैयार हैं। पर क्या देश तैयार है? नरेंद्र मोदी का प्रभाव उस वक्त बढ़ रहा है जब देश वर्तमान नेतृत्व से बेहद निराश है। केंद्र में नेतृत्व का शून्य नजर आता है। न प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, न सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी का जनता के साथ संवाद है जो दिल्ली के गैंग रेप वाले मामले […]

इंडियन ऑफ द इयर!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

इंडियन ऑफ द इयर! 2012 जाते-जाते गहरा जख्म दे गया और हम सोचने पर मजबूर हैं कि हम कैसा देश और कैसा समाज बन रहे हैं? कदम-कदम पर जो समझौते किए गए वे अब काटने को दौड़ रहे हैं। उस लडक़ी का असली नाम क्या है बताया नहीं गया पर उसके साथ जो हादसा हुआ वह देश को इस तरह जगा गया जैसे पहले एमरजैंसी के समय हुआ था। अंतर केवल यह है कि इस जनसैलाब का कोई चेहरा नहीं। कोई नेता नहीं। आप किसी नेता को पकड़ कर जेल में नहीं डाल सकते इसलिए सरकार भी कांपने लगी थी। अब सब बदलने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार सख्त कानून बनाने जा रही है। जनप्रतिनिधि भी अब दबाव डाल […]

लचर व्यवस्था के खिलाफ अविश्वास

July 4, 2013 Chander Mohan 0

लचर व्यवस्था के खिलाफ अविश्वास यह अभूतपूर्व है। दिल्ली में पहले ऐसा नजारा कभी नहीं देखा गया। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक का सारा क्षेत्र युद्ध क्षेत्र बना हुआ है। निहत्थे महिलाओं और युवाओं पर बर्बर लाठीचार्ज हुआ, घोर सर्दियों में पानी की बौछार हुई; लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शन नहीं रुक रहे। बाबा रामदेव तथा अन्ना हजारे के आंदोलनों के समय नेतृत्व देने वाले थे। जो आज दिल्ली में हो रहा है वह विशुद्ध जनांदोलन है कोई नेता नहीं। चलती बस में एक लडक़ी से सामूहिक बलात्कार के दर्दनाक मामले से सारे देश में आक्रोश की लहर फैल गई है। लेकिन सबसे खराब हालत दिल्ली की है जो देश की बलात्कार राजधानी बनती जा रही है, जो बात मुख्यमंत्री […]

फांसी से लटकते सवाल

July 4, 2013 Chander Mohan 0

फांसी से लटकते सवाल अजमल कसाब को लगी फांसी के साथ ही कुछ लोग यह मांग करने लगे हैं कि देश के कानून से मौत की सजा हटा दी जानी चाहिए क्योंकि यह बर्बर है, असभ्य है और अधिकतर देशों से हट चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा भी बार-बार यह प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि मौत की सजा पर रोक लगा दी जानी चाहिए। जिन देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं दिया उनमें भारत शामिल है। भारत का पक्ष है कि वह इस सजा को बहुत कम इस्तेमाल करेगा। यह बहस और भी तीखी हो गई है क्योंकि यहां अफजल गुरू, बलवंत सिंह राजोआना, राजीव गांधी के हत्यारे जैसे मामले लंबित हैं और हो सकता है […]

कितने कसाब और हैं वहां?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कितने कसाब और हैं वहां? आखिर वह हो गया जिसकी देश को चार साल से इंतजार थी। मुंबई पर 26 नवम्बर 2008 के हमले जिसमें 166 लोग मारे गए थे, के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया। कई लोग कहेंगे कि हमारी प्रक्रिया ने बहुत समय लिया जिस दौरान उसे जीवित रखने पर 50 करोड़ रुपया खर्च किया गया। कई बार मजाक में कहा भी गया कि उसे बिरयानी खिलाई जाती है पर यह संतोष की बात है कि उसे पूरी न्यायिक प्रणाली से गुजरने के बाद फांसी दी गई। भारत ने दुनिया को साबित कर दिया कि यहां कानून का राज है और कसाब जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी को भी […]

राहुल के लिए पिच टेढ़ी

July 4, 2013 Chander Mohan 0

राहुल के लिए पिच टेढ़ी   विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद का कहना है कि  राहुल गांधी कांग्रेस के सचिन तेंदुलकर हैं।  कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में औपचारिक रूप  से राहुल गांधी को चुनाव समन्वय समिति  का अध्यक्ष भी बना दिया है। अर्थात्  अगला चुनाव उनकी कमान के नीचे लड़ा  जाएगा। अगर सलमान खुर्शीद की तुलना  को सामने रखा जाए तो कहा जा सकता है  कि कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी बैटिंग  खेलेंगे। चुनाव से 18 महीने पहले यह  मामला तय कर कांग्रेस विशेष तौर पर यह  संदेश देना चाहती कि भाजपा के अंदर  अराजक स्थिति की तुलना में उसका घर  पूरी तरह से व्यवस्थित है। लेकिन यह लिखने के बाद जरूर कहना  चाहूंगा कि राहुल गांधी कोई सचिन  तेंदुलकर […]