विश्वास भी पेड़ों पर नहीं लगता

July 4, 2013 Chander Mohan 0

विश्वास भी पेड़ों पर नहीं लगता अभी तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह प्रभाव देते रहे कि देश में कुछ भी हो जाए, उन्हें किसी को स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है। वास्तव में कांग्रेस की त्रिमूर्ति (सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी) यह प्रभाव देती रही कि उन्हें किसी को कोई जवाब देने की जरूरत नहीं। लेकिन ममता बैनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का यूपीए से प्रस्थान, सफल भारत बंद तथा डीज़ल की कीमतों में भारी वृद्धि और रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर देश में जो भूचाल आया उसने सरकार को इस तरह हिला कर रख दिया कि प्रधानमंत्री को भी अपनी बात कहने के लिए जनता के सम्मुख आना पड़ा। पर अफसोस यह है कि उन्होंने जो […]

तनाव में युवा

July 4, 2013 Chander Mohan 0

तनाव में युवा जालन्धर के शिवाली आत्महत्या मामले में इंसाफ कर दिया गया है। पंजाब सरकार के आदेश पर मुख्य आरोपी पुलिस इंस्पैक्टर बलविंद्र कौर तथा दो मीडिया कर्मियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर  लिया गया है। आईजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सब बराबर जिम्मेवार हैं। संतोष है कि आखिर न्याय हो गया क्योंकि बहुत जरूरी है कि पुलिस और मीडिया दोनों को अपनी अपनी लक्ष्मण रेखा समझ आ जाए। शिवाली का कसूर केवल यह था कि वह अपने दोस्त के साथ कार में जा रही थी। उस कार की किसी और कार के साथ टक्कर हो गई पर मौके पर पहुंची ट्रैफिक पुलिस इंस्पैक्टर बलविन्द्र कौर ने उसे जलील करना शुरू […]

65 साल के बाद भी आरक्षणॽ

July 4, 2013 Chander Mohan 0

65 साल के बाद भी आरक्षण? पिछले बुधवार को संसद में जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र को शर्मिंदा करने वाली घटना थी। प्रोमोशन में आरक्षण देने वाले विधेयक को पेश करते समय समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी के दो सांसद आपस में गुत्थम गुत्था हो गए और हंगामे में राज्यसभा स्थगित हो गई। राज्यसभा के सांसद विशिष्ट समझे जाते हैं पर यहां टीवी कैमरों के सामने दो ‘माननीय’ सांसद इस तरह भिड़ रहे थे जैसे वे गली के मुशटंडे हों; और उल्लेखनीय है कि दोनों अपने किए पर शर्मिंदा नहीं। देश से माफी मांगने को तैयार नहीं। इस घटना से हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा और कम हुई है। पहले ही संसद नहीं चल रही थी। एक दिन यह […]

कौन राहजन, कौन रहनुमा?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कौन राहजन, कौन रहनुमा? चाहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में कहा है कि ‘हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरु रखी,’ पर बेहतर होता कि ‘सवालों की आबरु’ रखने की जगह वे बताते कि जून 2004 में कोयला ब्लाक आबंटन के नीलामी का निर्णय लेने के बाद आठ साल तक उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई; उनकी तो खुद सरकार की आबरु खतरे में है। वे कहते हैं कि इस्तीफा नहीं दूंगा। कोई उन्हें मजबूर भी नहीं कर सकता पर इस जर्जर हालत में यह सरकार चलेगी भी कैसेॽ जिस सरकार का इकबाल खत्म हो गया वह फैसले कैसे लेगीॽ अपने जवाब में प्रधानमंत्री ने अपने सिवाय बाकी सब पर दोष […]

क्योंकि वह हिन्दू है!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

क्योंकि वह हिन्दू है! पाकिस्तान से लगातार हिन्दु परिवार भारत में प्रवेश कर रहे हैं। कई रेल के रास्ते आए तो कई पैदल वाघा अटारी सीमा पार कर यहां पहुंचे हैं। जो ट्रेन से आए वे इतना सामान लेकर आए कि साफ है कि वे यहां बसने आए हैं।  उनके गृहमंत्री रहमान मलिक को बदनामी का डर है। हैरानी है कि उन्हें उस वक्त बदनामी का डर नहीं सताता जब उनके देश में हिन्दू लड़कियों का अपहरण किया जाता है, उनसे बलात्कार किया जाता है और इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है। 7 अगस्त को सिंध में जैकबाबाद में 14 वर्षीय हिन्दू लड़की मनीषा कुमारी का अपहरण कर लिया गया। उसी के बाद पलायन की यह ताजा […]

हंगामा करने से कोई देश नहीं चलता

July 4, 2013 Chander Mohan 0

हंगामा करने से कोई देश नहीं चलता अपनी आरपार की लड़ाई की धमकी, तथा अरविंद केजरीवाल की ‘बलिदान’ देने की घोषणा से पीछे हटते हुए अन्ना टीम ने अनशन खत्म कर दिया है। अब अन्ना का कहना है कि इस पर समय क्यों बर्बाद किया जाए? साथ ही घोषणा भी कर दी कि वह राजनीति के मैदान में उतरेंगें। यह होता है या नहीं कहा नहीं जा सकता क्योंकि राजनीति करना सबके बस की बात नहीं है। जयप्रकाश नारायण ने भी सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान देकर आंदोलन चलाया था। वह इंदिरा शासन को उखाडऩे में सफल रहे थे लेकिन व्यवस्था वह भी बदल नहीं सके। वीपी सिंह, चंद्र शेखर, लालू प्रसाद यादव या मुलायम सिंह यादव सब जयप्रकाश आंदोलन की […]