मोदी की जिम्मेवारी

July 17, 2013 Chander Mohan 3

मोदी की जिम्मेवारी नरेंद्र मोदी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। क्योंकि वे किसी का लिखा भाषण नहीं पढ़ते इसलिए भी अपनी बात ठोक कर कहते हैं। जिससे कई बार बहस शुरू हो जाती है। हाथ से काम किया हुआ है इसलिए सब जानते भी हैं। कांग्रेस के बारे उनका कहना है कि जब -जब वह फंसती है सैक्यूलरिज़्म का बुर्का पहन लेती है। बात सही है। अगला चुनाव जो महंगाई, भ्रष्टाचार, प्रशासकीय अक्षमता, गिरते रुपए आदि पर लड़ा जाना चाहिए कांग्रेस उसका रुख धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बहस की तरफ मोड़ना चाहती है। इसीलिए इशरत जहां मुठभेड़ का मामला भी उठाया जा रहा है। देश में पिछले 5 वर्षों में 191 मुठभेड़

जमाना बेताब है करवट बदलने को!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

जमाना बेताब है करवट बदलने को! भाजपा के भीष्म पितामह ने अपना अंतिम बाण चला दिया। उन्होंने इस्तीफ दे दिया। लेकिन वे भी देख रहे होंगे कि यह बाण कहीं लगा नहीं। मीडिया में हलचल के बावजूद पार्टी अब अपनी दिशा बदलने के लिए तैयार नहीं। संसदीय बोर्ड ने भी उन्हें मार्गदर्शन तथा सलाह देने का आग्रह किया है किसी ने यह नहीं कहा कि पितामह! बाणशैय्या से उठिए और 2014 के युद्ध में हमारा नेतृत्व कीजिए! भाजपा ने अपना भविष्य तय कर लिया है, और आडवाणी उसका हिस्सा नहीं हैं। इस जगह तक पार्टी को पहुंचाने में आडवाणीजी की बड़ी भूमिका है। भाजपा के जितने नेता हैं, नरेंद्र मोदी समेत, उन सबको एक प्रकार से उन्होंने उंगली पकड़ कर […]

आडवाणी : समाधान या समस्या?

July 4, 2013 Chander Mohan 11

आडवाणी : समाधान या समस्या? हाल ही में देश में जो राजनीतिक सर्वेक्षण हुए हैं वे तीन बातें स्पष्ट करते हैं। एक, कांग्रेस निरंतर गिर रही है। वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत या अधिक गिर रहा है। दूसरा, भाजपा को उतना फायदा नहीं हो रहा है जितना कांग्रेस के पतन से होना चाहिए और तीसरा, भाजपा तब ही सरकार बनाने के नजदीक पहुंचेगी अगर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के भाजपा के जो दिल्ली वाले दावेदार हैं वे कितने ही अनुभवी तथा प्रभावशाली हों वे लोगों को उत्साहित नहीं करते। भाजपा के लिए यह खुशी और संतोष की बात होनी चाहिए कि निचले स्तर से शुरू हुए नरेन्द्र मोदी इतना ऊंचा पहुंचने की क्षमता […]