आडवाणी : समाधान या समस्या?

July 4, 2013 Chander Mohan 11

आडवाणी : समाधान या समस्या? हाल ही में देश में जो राजनीतिक सर्वेक्षण हुए हैं वे तीन बातें स्पष्ट करते हैं। एक, कांग्रेस निरंतर गिर रही है। वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत या अधिक गिर रहा है। दूसरा, भाजपा को उतना फायदा नहीं हो रहा है जितना कांग्रेस के पतन से होना चाहिए और तीसरा, भाजपा तब ही सरकार बनाने के नजदीक पहुंचेगी अगर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के भाजपा के जो दिल्ली वाले दावेदार हैं वे कितने ही अनुभवी तथा प्रभावशाली हों वे लोगों को उत्साहित नहीं करते। भाजपा के लिए यह खुशी और संतोष की बात होनी चाहिए कि निचले स्तर से शुरू हुए नरेन्द्र मोदी इतना ऊंचा पहुंचने की क्षमता […]

भाजपा बच गई, चौटाला फंस गए!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

भाजपा बच गई, चौटाला फंस गए! भाजपा बच गई! नितिन गडकरी को हटवा कर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी को अनैतिक चक्रव्यूह में फंसने से बचा लिया। भाजपा में अब स्थायित्व और स्पष्टता आएगी। जिस तरह गडकरी आयकर अधिकारियों को धमकियां देते वापिस गए उससे पता चलता है कि वह इस बड़े पद के सर्वथा अनुपयुक्त थे। संघ को भी अपनी लक्ष्मण रेखा समझनी चाहिए। गलत लोगों को भाजपा पर लादने का गलत अंजाम निकलेगा। भाजपा वयस्क हो गई है इसे माईक्रो मैनेज करने का प्रयास नहीं होना चाहिए। आडवाणी जी को अब भाजपा का अगला प्रधानमंत्री तैयार करना चाहिए। सभी सर्वेक्षण और जनता की आवाज बता रही हैं कि यह नरेंद्र मोदी ही हो सकते हैं। शिक्षक भर्ती […]

एक ही सिक्के के दो पहलू?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

एक ही सिक्के के दो पहलू? यह वह देश है जहां कभी एक रेल दुर्घटना के बाद रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस्तीफा दिया था पर आज दबंग सब कहते हैं, ‘मैं क्यों इस्तीफा दूं?’ ऐसे -ऐसे घोटाले हुए हैं कि सर चकरा जाता है पर किसी की अंतरात्मा नहीं जागती कि वे भी नैतिक जिम्मेवारी लेकर इस्तीफा दे दें। उलटा केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा का कहना है कि एक केंद्रीय मंत्री के लिए 71 लाख रुपए तो मामूली रकम है, 71 करोड़ रुपए होते तो गंभीर मसला होता। इससे उत्तर प्रदेश के मंत्री शिवपाल सिंह यादव का कथन याद आ गया कि सरकारी कर्मचारी अगर छोटा पैसा हजम करते हैं तो कोई बात नहीं, उन्हें मोटी रकम […]