सर इतना मत झुकाओ…

October 2, 2013 Chander Mohan 1

सर इतना मत झुकाओ… राहुल गांधी को इतनी देर से क्यों पता लगा कि ‘नॉनसैंस’ क्या है? आखिर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस के कोर ग्रुप ने बाकायदा अध्यादेश लाने को हरी झंडी दी थी। कैबिनेट ने दो बार इसे अपनी सहमति दी थी। कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन का कहना था कि इस अध्यादेश का श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामूहिक विवेक को जाता है। इसे पारित करवाने के असफल प्रयास में संसद का अधिवेशन एक दिन के लिये बढ़ाया गया। इस दौरान राहुल गांधी खामोश रहे। और अब अचानक यह विस्फोट कर दिया उस समय जब प्रधानमंत्री विदेशी भूमि में अपने बचे-खुचे रूतबे को कायम रखने का […]

प्रधानमंत्री का बना रहना ही अब ‘नॉनसेंस’ होगा

September 28, 2013 Chander Mohan 2

प्रधानमंत्री का बना रहना ही अब ‘नॉनसेंस’ होगा क्या कांग्रेस के प्रथम परिवार ने अपना बलि का बकरा ढूंढ लिया? सीताराम केसरी, पी.वी. नरसिंहा राव के बाद मनमोहन सिंह? डा. मनमोहन सिंह के बचे खुचे सत्ताधिकार को उनकी ही पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ध्वस्त कर दिया। उन्हें उस समय सार्वजनिक झाड़ डाली गई जब वे अमेरिका यात्रा पर थे और पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा और बाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के साथ उनकी मुलाकात होने वाली थी। ऐसी संवेदनशील वार्ताओं से पहले तो विपक्ष भी सरकार की आलोचना से परहेज करता है पर यहां राहुल गांधी ही मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल द्वारा पारित माननीय दागियों को अभयदान देने वाले अध्यादेश को पत्रकार सम्मेलन में घुस कर […]

कैमरन की आधी अधूरी

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कैमरन की आधी अधूरी जलियांवाला नरसंहार के लगभग 94 वर्ष के बाद ब्रिटेन के एक प्रधानमंत्री ने वहां झुक कर और मौन रख कर स्वीकार किया है कि उस घटना से वे शर्मिंदा हैं। डेविड कैमरन ने वहां लिखा है, ‘ब्रिटेन के इतिहास में यह बेहद शर्मनाक घटना है। विंस्टन चर्चिल ने इस घटना को उस समय सही ही राक्षसी कहा था।’ अर्थात् ब्रिटिश प्रधानमंत्री यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि वे इस घटना के लिए शर्मिंदा हैं पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर माफी नहीं मांगी जिससे कई लोग यहां निराश भी हुए हैं। 1997 में महारानी इलिजाबेथ तथा उनके पति प्रिंस फिलिप्स भी वहां आए थे लेकिन फिलिप्स ने यह कह कर कि मरने वालों की संख्या इतनी […]