दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है!
दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है! नीतीश कुमार एनडीए छोड़ गए हैं। अपने ‘नरेंद्रभाई’ से अब उन्हें अलर्जी है। जब 2002 में गुजरात के दंगे हुए थे तो नीतीश कुमार एनडीए के रेलमंत्री थे। उस वक्त उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। बाद में भाजपा के साथ गठबंधन कर वे मुख्यमंत्री बन गए। कोई तकलीफ नहीं हुई। 2003 में उन्हें मोदी से गुजरात से बाहर निकलने का आग्रह किया पर अब अचानक इन्हीं मोदी को वे बर्दाश्त नहीं कर रहे। ऐसी पाखंडी हमारी राजनीति है। पूर्व के प्रांतो की शिकायत है कि वे पिछड़े हैं। पर अगर ‘बीमारू’ मध्यप्रदेश 2012-13 में देश में सर्वश्रेष्ठ विकास की दर 10.02 प्राप्त सकता है तो पूर्व के प्रदेश क्यों नहीं कर सकते? इसका कारण है […]