कुछ न समझें खुदा करे कोई!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कुछ न समझें खुदा करे कोई! मुलायम सिंह यादव की राजनीति क्या है, सारा देश समझने की असफल कोशिश कर रहा है। हाल ही के दिनों में उन्होंने यूपीए तथा कांग्रेस पर बहुत पुष्पवर्षा की है। कांग्रेस धोखेबाज है, धमकीबाज है, घोटालाबाज है। कहा कि कांग्रेस डरा कर समर्थन हासिल करती है फिर धोखा देती है, सीबीआई को पीछे डाल देती है। लेकिन नहीं, अभी नेताजी समर्थन वापिस नहीं लेंगे क्योंकि इनका फायदा ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को होगा। यह अलग बात है कि पिछले कुछ दिनों में जिन्हें वे ‘सांप्रदायिक ताकतें’ कहते हैं, उनकी वे खूब तारीफ भी कर चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज सब की मुलायम सिंह यादव या उनकी पार्टी के लोग किसी न […]

बसंलजी, हमें रूम फ्रैशनर की अनुभूति कब होगी?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

बसंलजी, हमें रूम फ्रैशनर की अनुभूति कब होगी? पवन बंसल से पहले रेल विभाग लालू प्रसाद यादव, राम बिलास पासवान, नीतीश कुमार तथा ममता बनर्जी या उनकी पार्टी के प्रतिनिधि रेलमंत्री रहे हैं। इस दौरान दो कमजोरियां रही हैं। एक, केवल पूर्व भारत का ख्याल रखा गया। दूसरा, इन सब का ध्यान सस्ती लोकप्रियता बढ़ाने में था रेल की आर्थिकता सही करने में नहीं। पिछले 10 वर्ष रेल का किराया नहीं बढ़ाया गया। रेल को आधुनिक  तथा सुरक्षित बनाने तथा लोगों तथा उद्योग की जरूरत के अनुसार तैयार करने का प्रयास नहीं किया गया। कई पुल है जो अंग्रेजों के समय के हैं। मुंबई-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग पर रतलाम के पास भैरोगढ़ का पुल 120 वर्ष पुराना है। इसे 2003-04 में […]

कौन राहजन, कौन रहनुमा?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कौन राहजन, कौन रहनुमा? चाहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में कहा है कि ‘हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरु रखी,’ पर बेहतर होता कि ‘सवालों की आबरु’ रखने की जगह वे बताते कि जून 2004 में कोयला ब्लाक आबंटन के नीलामी का निर्णय लेने के बाद आठ साल तक उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई; उनकी तो खुद सरकार की आबरु खतरे में है। वे कहते हैं कि इस्तीफा नहीं दूंगा। कोई उन्हें मजबूर भी नहीं कर सकता पर इस जर्जर हालत में यह सरकार चलेगी भी कैसेॽ जिस सरकार का इकबाल खत्म हो गया वह फैसले कैसे लेगीॽ अपने जवाब में प्रधानमंत्री ने अपने सिवाय बाकी सब पर दोष […]

पवार बेपरवाह है !

July 4, 2013 Chander Mohan 0

पवार बेपरवाह है! आखिर वह क्षण आ ही गया। बहुत देर आनाकानी करने तथा लुकन-छिपाई खेलने के बाद राहुल गांधी ने घोषणा कर दी है कि वह बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है चाहे कब और कैसे होगा इसका फैसला उन्होंने सोनिया गांधी तथा मनमोहन सिंह पर छोड़ दिया। जब सलमान खुर्शीद ने कहा कि राहुल केवल झलक ही दिखलाते हैं और उन्हें आगे आकर दिशा और नेतृत्व देना चाहिए तब ही समझ आ गया था कि कुछ खिचड़ी पक रही है नहीं तो सलमान खुर्शीद की यह जुर्रत नहीं कि युवराज पर कटाक्ष कर सके। उसके बाद केंद्रीय मंत्रियों तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ऊंची-ऊंची मांग करनी शुरू कर दी कि ‘राहुल लाओ, हमें बचाओ।’ पर ऐसी […]

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है पंजाबी का मुहावरा है “पिंड वसया नहीं उचक्के पहलां आ गए”, अर्थात्ï गांव तो अभी बसा नहीं बदमाश पहले पहुंच गए। 2014 के चुनाव को लेकर जनता दल (यू) तथा भाजपा के बीच जो रार छिड़ गई है उसके बारे भी यही कहा जा सकता है। दो वर्ष पड़े है और यह भी मालूम नहीं कि राजग की सरकार बनेगी या नहीं पर अभी से इसे लेकर राजग में सर फोडऩे की नौबत आ गई हैं। समझ नहीं आ रही कि इस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भावी प्रधानमंत्री की योग्यता का मामला खोलने की क्या मजबूरी थी सिर्फ इसके कि वह खुद को बहुत बड़ा ‘सैक्यूलर’ सिद्ध करना चाहते हैं। उनकी […]