सिंहासन खाली करो कि जनता आती है!

March 12, 2014 Chander Mohan 1

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है! आम चुनाव लोकतंत्र का जश्न है। पांच साल उनके एक दिन हमारा! इस एक दिन में जनता अपना हिसाब बराबर करती है; इसलिए जरूरी है कि इस मौके का सही इस्तेमाल किया जाए। संसद के अंदर ‘माननीय’ ने पिछले दिनों जो व्यवहार किया है वह सोचने पर मज़बूर करता है कि हम किन्हें अपना प्रतिनिधि बना रहें हैं? यह भी दिलचस्प है कि इस एक दिन से बड़े-बड़े लोग आंतकित रहते हैं। ताकतवार मंत्रियों के भी जनता के इस सशक्त अधिकार से पसीने छूटते हैं। दिग्विजय सिंह और कुमारी शैलजा जैसे राज्यसभा में पहुंच चुके हैं। शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल बन गई है। सिहासन खाली करो कि जनता आती है! इस बार […]

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है!

July 4, 2013 Chander Mohan 1

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है! नीतीश कुमार एनडीए छोड़ गए हैं। अपने ‘नरेंद्रभाई’ से अब उन्हें अलर्जी है। जब 2002 में गुजरात के दंगे हुए थे तो नीतीश कुमार एनडीए के रेलमंत्री थे। उस वक्त उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। बाद में भाजपा के साथ गठबंधन कर वे मुख्यमंत्री बन गए। कोई तकलीफ नहीं हुई। 2003 में उन्हें मोदी से गुजरात से बाहर निकलने का आग्रह किया पर अब अचानक इन्हीं मोदी को वे बर्दाश्त नहीं कर रहे। ऐसी पाखंडी हमारी राजनीति है। पूर्व के प्रांतो की शिकायत है कि वे पिछड़े हैं। पर अगर ‘बीमारू’ मध्यप्रदेश 2012-13 में देश में सर्वश्रेष्ठ विकास की दर 10.02 प्राप्त सकता है तो पूर्व के प्रदेश क्यों नहीं कर सकते? इसका कारण है […]

यह सरकार उधड़ रही है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

यह सरकार उधड़ रही है ए खाक नशीनो उठ बैठो वह वक्त करीब है आ पहुंचा जब तख्त गिराए जाएंगे जब ताज उछाले जाएंगे! ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। बदनामी में रेलमंत्री तथा कानून मंत्री का एक साथ स्कैंडलों के बीच हटना कोई मामूली बात नहीं है। इसका श्रेय सोनिया गांधी को देने की कोशिश की गई। मानना भी पड़ेगा कि सोनिया गांधी का राजनीतिक एंटीना बाकी सबसे अधिक चुस्त और ऊंचा है। वह भांप गई थी कि इन दोनों मंत्रियों को बचाने की कीमत बहुत अधिक होगी। अब अवश्य कहा जा रहा है कि यह निर्णय सोनिया गांधी तथा प्रधानमंत्री दोनों का संयुक्त था पर पहले तो सोनिया की भजनमंडली ने बदनामी सहने के लिए डॉक्टर साहिब को अकेले […]

कुछ न समझें खुदा करे कोई!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कुछ न समझें खुदा करे कोई! मुलायम सिंह यादव की राजनीति क्या है, सारा देश समझने की असफल कोशिश कर रहा है। हाल ही के दिनों में उन्होंने यूपीए तथा कांग्रेस पर बहुत पुष्पवर्षा की है। कांग्रेस धोखेबाज है, धमकीबाज है, घोटालाबाज है। कहा कि कांग्रेस डरा कर समर्थन हासिल करती है फिर धोखा देती है, सीबीआई को पीछे डाल देती है। लेकिन नहीं, अभी नेताजी समर्थन वापिस नहीं लेंगे क्योंकि इनका फायदा ‘सांप्रदायिक ताकतों’ को होगा। यह अलग बात है कि पिछले कुछ दिनों में जिन्हें वे ‘सांप्रदायिक ताकतें’ कहते हैं, उनकी वे खूब तारीफ भी कर चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज सब की मुलायम सिंह यादव या उनकी पार्टी के लोग किसी न […]

करें या न करें, यही है सवाल

July 4, 2013 Chander Mohan 0

करें या न करें, यही है सवाल राहुल गांधी का आचरण कई बार शेक्सपीयर के पात्र डैनमार्क के युवराज हैमलॅट की याद ताजा कर देता है, टू बी ऑर नौट टू बी, इज द क्वश्चन? करूं या न करूं? यही सवाल है। दुविधा है। वे दस वर्षों से राजनीति में हैं लेकिन अभी तक यह निर्णय नहीं कर सके कि वे इसे पसंद करते हैं या नहीं करते? शुरू में उनके पिता राजीव गांधी इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट थे। उन्हें राजनीति नहीं करनी। अगर किस्मत ने दखल न दिया होता और हवाई हादसे में भाई संजय की मौत न होती तो राजीव इस वक्त तक एयरलाईन के सीनियर कैप्टन रिटायर हो चुके होते। न ही सोनिया गांधी को ही […]

ओनली मोदी!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

ओनली मोदी! चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जब दिल्ली भाजपा कार्यालय आए तो वहां ‘पीएम’ ‘पीएम’ के नारे लगे। शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद अहमदाबाद में उनकी रैली में भी यही नारे लगे थे। दिल्ली में मोदी ने भी कार्यकर्ताओं को कह दिया कि  उन्हें जो जिम्मेवारी दी जाएगी उसे पूरी शिद्दत से निभाने का प्रयास करेंगे। अर्थात् वे तैयार हैं। पर क्या देश तैयार है? नरेंद्र मोदी का प्रभाव उस वक्त बढ़ रहा है जब देश वर्तमान नेतृत्व से बेहद निराश है। केंद्र में नेतृत्व का शून्य नजर आता है। न प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, न सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी का जनता के साथ संवाद है जो दिल्ली के गैंग रेप वाले मामले […]