जमाना बेताब है करवट बदलने को!
जमाना बेताब है करवट बदलने को! भाजपा के भीष्म पितामह ने अपना अंतिम बाण चला दिया। उन्होंने इस्तीफ दे दिया। लेकिन वे भी देख रहे होंगे कि यह बाण कहीं लगा नहीं। मीडिया में हलचल के बावजूद पार्टी अब अपनी दिशा बदलने के लिए तैयार नहीं। संसदीय बोर्ड ने भी उन्हें मार्गदर्शन तथा सलाह देने का आग्रह किया है किसी ने यह नहीं कहा कि पितामह! बाणशैय्या से उठिए और 2014 के युद्ध में हमारा नेतृत्व कीजिए! भाजपा ने अपना भविष्य तय कर लिया है, और आडवाणी उसका हिस्सा नहीं हैं। इस जगह तक पार्टी को पहुंचाने में आडवाणीजी की बड़ी भूमिका है। भाजपा के जितने नेता हैं, नरेंद्र मोदी समेत, उन सबको एक प्रकार से उन्होंने उंगली पकड़ कर […]