कौन राहजन, कौन रहनुमा?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

कौन राहजन, कौन रहनुमा? चाहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में कहा है कि ‘हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरु रखी,’ पर बेहतर होता कि ‘सवालों की आबरु’ रखने की जगह वे बताते कि जून 2004 में कोयला ब्लाक आबंटन के नीलामी का निर्णय लेने के बाद आठ साल तक उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई; उनकी तो खुद सरकार की आबरु खतरे में है। वे कहते हैं कि इस्तीफा नहीं दूंगा। कोई उन्हें मजबूर भी नहीं कर सकता पर इस जर्जर हालत में यह सरकार चलेगी भी कैसेॽ जिस सरकार का इकबाल खत्म हो गया वह फैसले कैसे लेगीॽ अपने जवाब में प्रधानमंत्री ने अपने सिवाय बाकी सब पर दोष […]