
ख्वाब-ए-सहर देखा तो है
ख्वाब-ए-सहर देखा तो है जो सरकार पांच वर्ष चलनी है उसके पहले 100 दिन क्या मायने रखते हैं? ‘हनीमून पीरियड’ या ‘100 दिन’ यह सब मीडिया की देन है। प्रधानमंत्री मोदी तो खुद मान चुके हैं कि वह तो ‘आउटसाइडर’ हैं दिल्ली को समझने में उन्हें समय लगेगा। लेकिन इसके बावजूद क्योंकि मामला उठा है इसलिए पहले 100 दिन की कारगुजारी पर नज़र दौड़ाई जा सकती है। विपक्ष व्यंग्य कर रहा है कि अच्छे दिन कहां हैं जबकि अरुण जेटली का कहना है कि हालात सुधरने लगे हैं। 2014-15 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर 5.7 रही है। यह पिछले दो सालों में सबसे अधिक है और पहला संकेत है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। नरेन्द्र […]