असंतुलित हाथों में अमेरिका, और दुनिया, America, And World, In Unstable Hands

January 30, 2025 Chander Mohan 0

शायद ही किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्वाचन पर दुनिया में इतनी खलबली मची हो जितनी डॉनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने पर मची है क्योंकि वह स्वभाव से सनकी हैं, अहंकारी है और अस्थिर हैं। और अब वह दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति बन गए है। निर्वाचित होने से लेकर अब तक वह कनाडा, चीन,भारत, पनामा, ग्रीनलैंड, ब्रिक्स देशों, डेनमार्क, मैक्सिको, रूस सब को धमकियाँ दे चुकें हैं। रोज़ाना नया निशाना ढूँढा जा रहा है। चीन को वह टैरिफ़ अर्थात् शुल्क, बढ़ाने की धमकी दे चुके हैं पर दिलचस्प है कि यह बढ़ौतरी कभी  60% बताई जाती है तो कभी 20% तो कभी 10% ! ब्रिक्स देश जिनमें भारत समेत चीन भी शामिल है, को 100 % टैरिफ़ की धमकी दी […]

कूटनीति का महा पाठ, Masterclass In Diplomacy

April 28, 2022 Chander Mohan 0

जब से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है पश्चिम के देशों, विशेष तौर पर अमेरिका, का हम पर बहुत दबाव है कि हम खुल कर उनका साथ दें और रूस की खुली निन्दा करें। पिछले दो महीनों में लगभग डेढ़ दर्जन विशिष्ट विदेशी महमान नई दिल्ली की यात्रा कर लौटें हैं।  सब यूक्रेन पर वार्ता करना चाहते था। और यह सिलसिला जारी है।  कूटनीतिज्ञों के लिए भारत  टूरिस्ट डैसटीनेशन बना हुआ है।  सबसे असभ्य अमेरिका के भारतीय मूल के डिप्टी रक्षा सलाहकार दिलीप सिंह रहे है जिन्होने भारत द्वारा रूसी तेल न ख़रीदने से इंकार करने पर यहां आकर खुलेआम हमें ‘भयानक परिणाम’ की चेतावनी दी थी।दिलीप सिंह का कहना था कि भारत को इस ग़लतफ़हमी में नही रहना […]

अमेरिका की सरदारी पर सवालिया निशान (America Loses its Dominance)

April 30, 2020 Chander Mohan 0

अमेरिका के टैक्सास प्रांत के लै. गवर्नर डैन पैट्रिक ने एक इंटरव्यू में कहा है कि ग्रैंड पेरंटस अर्थात दादा-दादी, नाना-नानी को ‘अमेरिका की अर्थ व्यवस्था तथा युवा पीढ़ी के लिए मरने को तैयार रहना चाहिए’। अमेरिकी अरबपति टॉम गोलिसानो का भी कहना है कि ‘अर्थ व्यवस्था को बंद रखना कुछ लोगों को खोने से बदतर होगा’।यह दिलचस्प है कि डैन पैट्रिक जो ख़ुद छ: बच्चों के ग्रैंडफादर है अपनी क़ुरबानी की बात नही करते पर अमेरिका में ऐसी असंवेदनशील और निष्ठुर आवाज़ें सुनाई दे रही हैं कि देश की अर्थ व्यवस्था को चलते रखने के लिए अगर कमज़ोर,वंचित या बुज़ुर्ग का बलिदान देना पड़े तो ऐसा होने देना चाहिए। राष्ट्रपति डॉनलड ट्रंप का भी सारा ध्यान अर्थ व्यवस्था पर […]