जनून का दौर है (The Madness in Us)
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा इस आरोप पर कि वह सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी को लेकर बहुत बवाल मचा है। सुप्रीम कोर्ट ने दखल देकर आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी है लेकिन इसके बावजूद कई वामपंथी झुकाव के लोग शिकायत कर रहे हैं कि देश में एमरजैंसी जैसी हालत है। लेखिका अरुणाधति राय तथा वकील प्रशांत भूषण तो इससे भी आगे बढ़ गए और उनका आरोप है कि देश की स्थिति एमरजैंसी से भी बदतर है। प्रशांत भूषण लिखते हैं, “नवीनतम गिरफ्तारियां लगातार नागरिक आजादी, मूल अधिकारों तथा भारत में लोकतंत्र के क्षरण का अत्यंत खतरनाक चरण है… जो कई मायनों में 1975 की एमरजैंसी से भी अधिक खतरनाक है। “ सचमुच? […]