Rao ka punarvas
राव का पुनर्वास नेताओं की याद में दिल्ली में यमुना का एक किनारा तो मरणघाट में परिवर्तित हो चुका है। क्या नेताओं को याद करने का और बेहतर तरीका नहीं हो सकता? उनके नाम पर विश्वविद्यालय, कालेज, स्कूल या अस्पताल बनाए जा सकते हैं लेकिन उनके परिवारजनों को या तो यमुना किनारे स्मारक चाहिए या वह चाहते हैं कि लयूटन की नई दिल्ली में किसी सरकारी बंगले को स्मारक बना दिया जाए। अर्थात् सब कुछ करदाता बर्दाश्त करे। महात्मा गांधी या प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की याद में स्मारक बनाना तो समझ आता है पर यहां तो हम अजीत सिंह तथा उनके समर्थकों का असफल और अशोभनीय संघर्ष देखकर हटे हैं जो उस सरकारी बंगले को स्मारक बनाना चाहते […]