बीस साल बाद बीबीसी का बवाल, BBC: Why After 20 Years ?
2002 के गुजरात दंगे 1984 के दिल्ली के दंगों की तरह सदा एक कलंक रहेंगे। दुख है कि आज के युग में भी नफरत की खूनी आँधी में बेक़सूर मारे जाते हैं। यह न केवल प्रशासनिक असफलता बल्कि समाजिक गिरावट भी दर्शाता है। दंगों का कोई औचित्य नहीं है, न होना चाहिए। पर गुजरात के दंगों को लेकर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया:द मोदी क्वश्चन खुद अपने पर कई सवाल खड़े कर गई है। यह डॉक्यूमेंट्री गुजरात के दंगों तथा कुछ और मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सख़्त आलोचना करती है। इन दंगों में 1000 के क़रीब लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर मुसलमान थे। बीबीसी के अनुसार ब्रिटिश सरकार गुजरात के घटनाक्रम पर बहुत ‘वरिड’ अर्थात् चिन्तित थी […]