उड़ता सिद्धू (Udta Sidhu)

July 26, 2016 Chander Mohan 1

    दो महीने पहले भाजपा को अपनी मां कहने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी को छोड़ गए हैं। कसमें खाने के बाद लोग मुकर जाते हैं। राजनीतिक मजबूरी में भी लोग बदल जाते हैं यह बात तो समझ अाती है लेकिन यह नहीं समझ अाता कि तीन महीने पहले सिद्धू ने राज्यसभा का मनोनयन क्यों स्वीकार किया था अगर उन्होंने इसे छोड़ना ही था? यह उन लोगों से विश्वासघात है जिन्होंने उसे इस काबिल समझा और खुद महामहिम राष्ट्रपति के पद का अनादर है जिन्होंने उनका मनोनयन किया। यह तो साफ है कि उन्होंने अकाली-भाजपा के साथ अपने सारे पुल साढ़ लिए हैं। उनकी पत्नी कह चुकी हैं कि लालबत्ती वाली गाडि़यों में ड्रग्स जाते हैं। खुद सिद्धू […]