‘शीश महल’ का रहने वाला, The Occupant of Sheesh Mahal

February 13, 2025 Chander Mohan 0

हो जाता है जिन पे अन्दाज़-ए-खुदाई पैदा               हमने देखा है वह बुत्त तोड़ दिए जातें हैं अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफ़र वैगन- आर और मफ़लर से शुरू हुआ और अंत शराब घोटाले के आरोपो और ‘शीश महल’ के कारण हुआ। उनकी शुरूआत अन्ना हज़ारे के ‘इंडिया एगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन से हुई और अंत करप्शन के आरोपो के कारण भी हुआ। समझा गया कि वह वैकल्पिक राजनीतिक दिशा दिखाएँगे पर अंत में स्पष्ट हो गया कि अरविंद केजरीवाल कुछ अलग नहीं, वहीं कमज़ोरियाँ है जो आम राजनेता में होती है। मिडिल क्लास विशेष तौर पर उनके सादे जीवन से बहुत प्रभावित थी कि वह देश की राजनीति में शुद्धता लाएँगे। दिल्ली की जनता ने भी बहुत समर्थन दिया। 70 सदस्यों […]

दोहरी कामयाबी, Double Achievement

October 10, 2024 Chander Mohan 0

देश की राजनीति में हरियाणा का उसके आकार से कहीं अधिक महत्व रहा है। वह दिल्ली का द्वार है और तीन तरफ़ से उसने दिल्ली को घेर रखा है। दिल्ली जाने के लिए हर हमलावर, तुर्क, यूनानी, अफ़ग़ान, फ़ारसी सब हरियाणा से ही गुजर कर गए थे। पानीपत की तीन लड़ाईयों भी दिल्ली के लिए लड़ी गईं। उज़बेक बाबर ने  मुग़ल साम्राज्य की नींव पानीपत में जीत के बाद रखी। वर्तमान समय में भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश दिल्ली के खिलाफ आन्दोलनों की ज़मीन रहें हैं। हरियाणा ने ही किसानों को दिल्ली जाने से एक साल रोके रखा। इसलिए हरियाणा के परिणाम से केन्द्र सरकार और भाजपा नेतृत्व को राहत मिलेगी। दिल्ली के उनके क़िले का सुरक्षा कवच कायम है। […]

कांग्रेस और ‘इंडिया गठबंधन, Congress and the INDIA alliance

December 14, 2023 Chander Mohan 0

सिर्फ इक  कदम उठा था ग़लत राह-ए- शौक़ में                   मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही कांग्रेस पार्टी और ‘इंडिया गठबंधन’ के रिश्ते पर नज़र दौड़ाता हूँ तो अब्दुल हमीद अदम का यह शे’र याद आता है। जो रिश्ता मज़बूती से भाजपा को चुनौती दे सकता था वह कांग्रेस के कुछ नेताओं के घमंड और कुछ की नासमझी के कारण अनिश्चित और अविश्वसनीय बन गया है। विधानसभा चुनावों में हिन्दी बैल्ट में कांग्रेस को पड़ी मार के बाद जब पार्टी अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे द्वारा गठबंधन की बैठक बुलाई गई तो बड़े नेता, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और स्टैलिन, ने कोई न कोई बहाना बना आने से इंकार कर दिया। कहने की ज़रूरत नहीं कि अगर कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान […]

संघीय लोकतंत्र की जीत, Victory of Federal Democracy

May 18, 2023 Chander Mohan 0

आख़िर में कुछ काम नहीं आया। न हिजाब, न हलाल, न टीपूँ सुल्तान, न अज़ान, न केरल स्टोरी, न मुस्लिम आरक्षण, न राम मंदिर और न ही बजरंगबली। जब लोग बदलाव पर उतरते हैं तो किसी की परवाह नहीं करते। कोई नारा उन्हें प्रभावित नहीं करता। कर्नाटक में  83 प्रतिशत हिन्दू जनसंख्या है, मुसलमान 13 प्रतिशत हैं पर लोगों ने भाजपा को नकार दिया क्योंकि उनका ध्यान  उन मुद्दों पर था जो उनकी जेब पर असर डालतें हैं, महंगाई, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार। कांग्रेस की बम्पर जीत के पीछे व्यापक समर्थन है।  हिमाचल प्रदेश में भी 97 प्रतिशत हिन्दू जनसंख्या है जहां कांग्रेस को अच्छी जीत मिली थी। ध्रुवीकरण और विभाजित करने वाली राजनीति की एक सीमा है जो कर्नाटक के […]

खाड़ी में उठा तूफ़ान, The Storm From The Gulf

June 9, 2022 Chander Mohan 0

‘टार्गेट किलिंग’ (चुन चुन कर हत्या) के बाद कश्मीर से कश्मीरी पंडितो और दूसरे हिन्दुओं का पलायन फिर शुरू हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि 1990 के दशक के स्याह दिन फिर लौट आए हैं। एक बार फिर आतंक का माहौल है, चिनार के पत्तों से बारूद की गंध उठ रही है। धारा 370 हटाए जाने के बाद जो उम्मीद जगी थी उस पर खून के धब्बे लग गए हैं। सरकार के आश्वासनों के बावजूद पलायन जारी है, घरों पर लगे ताले इसकी गवाही दे रहें हैं। प्रधानमंत्री के पैकेज के अनुसार वहाँ क़रीब 5900 कर्मचारी हैं जो असुरक्षित महसूस करते थे। सरकार उन्हें निकलने से रोकने की कोशिश कर रही है, पर रात के अंधेरे में 80 […]

सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों का मिड-टर्म एग्ज़ाम, Midterm Exam of Ruling Party and Opposition

January 20, 2022 Chander Mohan 0

पाँच प्रदेशों की 690 सीटों पर चुनाव देश की भावी राजनीतिक दिशा तय करेंगे। सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम भाजपा, नरेन्द्र मोदी, योगी आदित्यनाथ के लिए बहुत महत्व रखतें हैं।  साथ ही यह भटक रही कांग्रेस पार्टी और उसके हाईकमान तथा प्रादेशिक शक्तियों की भी भावी दिशा तय करेंगे। अगर भाजपा आसानी से जीत जाती है तो योगी आदित्यनाथ इतिहास बनाऐगे क्योंकि गोबिन्द बल्लभ पंत के बाद एक अवधि पूरा करने के बाद किसी मुख्यमंत्री को दूसरी बार वहां चुना जाएगा।  इसी के साथ मोदी के बाद की भाजपा में वह ताकतवार उत्तराधिकारी बन उभरेंगे और भाजपा देश भर में अपना ऐजेडा जोरशोर से लागू करने में सफल रहेगी। विपक्ष और निरुत्साहित होगा और आपसी टकराव बढ़ेगा। […]