‘द शो मस्ट गो ऑन’, रंग कैसा भी हो, The Show Must Go On Whatever It’s ‘Rang’

December 22, 2022 Chander Mohan 0

मुम्बई फ़िल्म उद्योग जिसे बॉलीवुड भी कहा जाता है जनकल्याण में लगा कोई समाज सेवी संगठन नही है। यह ‘उद्योग’ है जिसे नफ़ा नुक़सान की चिन्ता है। समय समय पर वह समाज की भावना को ज़रूर व्यक्त करते रहें हैं। ‘यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है’, जैसे गाने इंसान की परिस्थिति के सामने बेबसी को व्यक्त करते हैं। साहिर लुधियानवी की नज़्म ‘वो सुब्ह कभी तो आएगी’ बेहतर कल की उम्मीद जगाती है। अमिताभ बच्चन के ‘एंगरी यंग मैन’ व्यक्तित्व ने भी उस समय की भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ बुलंद की थी। पर बीच बीच में बॉलीवुड भटकता भी रहा। माफिया के पैसे की संलिप्तता से लेकर ‘कास्टिंग कोच’ की शिकायतें मिलती रहीं।  लोगों की कमजोर […]

कौनसा चैनल देखा जाए ? Which Channel To Watch?

October 22, 2020 Chander Mohan 0

“ कौन सा चैनल देखें”, एक मित्र ने पूछा, “जो बिलकुल इंडिपैंडंट हो”? यह सवाल मुझे निरुत्तर छोड़ गया। सचमुच कौनसा चैनल है जिसकी सिफ़ारिश की जा सके जो बिलकुल आज़ाद और निष्पक्ष हो? सभी तो भाजपा-मोदी के पक्ष और विपक्ष में बँटे हुए हैं। इस दौड़ में उन्होंने समाज को ही बाँट दिया है। हमारे समाज में कभी भी इतनी नफ़रत, द्वेष और तनाव नही था जितना आज है।  बहुत अविश्वास है। ‘तनिष्क’ के एक विझापन को लेकर इतना हंगामा खड़ा किया गया कि आख़िर में टाटा को विज्ञापन वापिस लेना पड़ा। देश विदेश में असुखद चर्चा के बाद गृहमंत्री अमित शाह को दखल देना पड़ा कि ‘ किसी क़िस्म की ज़रूरत से अधिक सक्रियता नही होनी चाहिए’। आशा […]

और कहानी बदल गई And Then The Tale Turns

September 17, 2020 Chander Mohan 0

घटनाक्रम की शुरूआत सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मौत से हुई पर 40 दिन के बाद मामले ने गम्भीर मोड़ ले लिया क्योंकि सुशांत के पिता को उसकी मौत के पीछे साज़िश नज़र आने लगी। उनकी उँगली सुशांत की गर्ल फ्रैंड रिया चक्रवर्ती की तरफ़ उठी जिसे परिवार ने सुशांत की अप्राकृतिक मौत के लिए ज़िम्मेवार ठहरा दिया। लेकिन फिर मामला परिवार के हाथ से निकल गया और वहाँ पहुँच गया जहाँ वह भी नही चाहतें होंगे। रिया चक्रवर्ती ज़रूर जेल में है पर यह भी साबित हो चुका है कि उनका पुत्र सुशांत नशेड़ी था मैंटल डिसॉडर से पीड़ित था और रिया से मिलने से पहले से ड्रग्स ले रहा था। शुरू में बॉलीवुड में नैपोटिज्म अर्थात भाई भतीजावाद […]

एक अकेला इस शहर में Lonely in A Crowd: Sushant’s Suicide

July 30, 2020 Chander Mohan 0

मैं फ़िल्में कम देखता हूँ। सुशांत सिंह राजपूत की पहली फ़िल्म ‘काय पो छे’ देखी थी।  फ़िल्म दिलचस्प थी और सुशांत की अदाकारी प्रभावशाली थी। समझा गया कि बालीवुड को एक और स्टार मिल गया। हैंडसम और प्रतिभाशाली। यह भी संतोष से देखा गया कि महेन्द्र सिंह धोनी की तरह एक छोटे शहर से निकला नौजवान राष्ट्रीय आकाश पर चमका है। एक रियैलिटी शो में भी उसे देखा जहाँ लगा कि उसका दिल इसमें नहीं है। शारीरिक तौर पर वह उपस्थित है पर मानसिक तौर पर कहीं और है। फिर जब घर में फंदा लगा कर उसके आत्म हत्या करने के बारे सुना तो गहरा दुख हुआ। एक सितारा टूट गया। उसके बाद बहुत असुखद विवाद खड़ा हो गया  जो […]