इल्ज़ाम हमारा, सबूत तुम्हारे, Our Allegations: Your Proof

October 5, 2023 Chander Mohan 0

जस्टिन ट्रूडो कुछ पिघले हैं। भारत और कैनेडा के रिश्ते को इल्ज़ाम बम से तबाह करने के बाद अब उनका कहना है कि  भारत के साथ घनिष्ठ रिश्ते को लेकर वह गम्भीर हैं क्योंकि “वह देश उभर रही आर्थिक शक्ति है और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है”। पर जब हमें दुनिया भर में बदनाम किया गया था तब उन्हें भारत के महत्व के बारे जानकारी नहीं थी क्या? उस समय किस नशे में थे जनाब ? अब भी कहना है कि “हम यह बताना चाहते हैं कि भारत को कैनेडा के साथ मिल कर यह निश्चित करना होगा कि हम मामले की तह तक पहुँच सके”। विदेश मंत्री डा.जयशंकर बार बार कह चुकें हैं कि अगर कैनेडा कोई सबूत देगा तो […]

निर्लज्जता में कैनेडा पाकिस्तान को पार कर गया है, Canada surpasses Pakistan in shamelessness

September 28, 2023 Chander Mohan 0

भारत और कैनेडा के रिश्ते इतने गिर गए हैं कि इन्हें सामान्य करने में वर्षों लग जाएँगे। कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जून 18 को वहाँ एक गुरुद्वारे को सामने हत्या में भारत के एजेंटों का हाथ है। भारत ने इस आरोप को बेहूदा और प्रेरित कहते हुए सख़्त शब्दों में रद्द कर दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता रोक दी गई है और भारत ने कैनेडा के नागरिकों को भारत का वीज़ा देने पर  रोक लगा दी हैं। अर्थात् जिन दो देशों के बीच हज़ारों किलोमीटर का फ़ासला है, हितों में कोई टकराव नहीं उनके रिश्ते एक आतंकवादी की हत्या के कारण उस स्तर पर गिर […]

खालिस्तानी और चार ‘गोरे’ देश, Khalistan and Four ‘White’ Nations

July 13, 2023 Chander Mohan 0

अमेरिका,कैनेडा, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में क्या समान है ? एक वह सब ईसाई बहुसंख्यक देश हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति बाइबल पर हाथ रख कर शपथ लेता है तो इंग्लैंड के किंग चार्लस का राज्याभिषेक वैस्टमिनस्टर एब्बे के रॉयल चर्च में हुआ था। चारों देशों में अंग्रेज़ी बोली जाती है। चारों देश गोरों के अधीन है। बराक ओबामा या ऋषि सुनक जैसे अपवाद हैं। चारों ही देश ब्रिटिश उपनिवेशवाद से जुड़े  है। चारों ही देशों में कथित खालिस्तानी आन्दोलन चल रहा है जो अब हिंसक होने लगा है। और चारों ही सरकारें इसके प्रति वह उदारता दिखा रही है जो समझ से बाहर है। क्या यह पुरानी औपनिवेशिक गोरी मानसिकता है कि इन ‘काले’ लोगों को नियंत्रण में रखने के लिए […]

प्रतिभा-मुक्त पंजाब (Talent Flees Punjab)

July 18, 2019 Chander Mohan 0

आजकल कालेजों में एडमिशन का समय है पर पंजाब में हर प्रिंसीपल चाहे वह इंजीनियरिंग कालेज का हो या डिग्री कालेज का, का मुंह लटका हुआ है और चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नज़र आ रही हैं क्योंकि एडमिशन में भारी गिरावट है। भारी संख्या में छात्र-छात्राएं स्कूल पूरा करने के बाद विदेश विशेष तौर पर कैनेडा, जा रहे हैं। हालत यह बन गई है कि विद्यार्थियों की कमी को पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग कालेज बीबीए, बी कॉम तथा बीसीए जैसे कोर्स शुरू कर रहे हैं। बहुत से कालेजों की हालत खस्ता हो रही है और कईयों को तो शायद बंद ही करना पड़े क्योंकि प्रवेश में आघात पहुंचाने वाली गिरावट है। वैसे तो देश भर से छात्र-छात्राएं […]

मुद्दत से आरज़ू थी सीधा करे कोई (The Trudeau Fiasco)

March 1, 2018 Chander Mohan 0

कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी एक सप्ताह की यात्रा के बाद स्वदेश पहुंच गए। जाने से पहले वह बता गए कि वह भारत की एकता तथा अखंडता में विश्वास रखतें हैं और किसी भी प्रकार के उग्रवाद का समर्थन नहीं करते। धन्यवाद ट्रूडो जी, पर ऐसे स्पष्टीकरण की जरूरत भी क्यों पड़े? किसी और देश के नेता को तो ऐसा कहने की जरूरत नहीं पड़ी। इसका जवाब है कि खुद ट्रूडो तथा उनकी सरकार के कुछ मंत्री पंजाब में खालिस्तान की मुहिम को हवा देते रहे हैं। इसी का परिणाम था कि ट्रूडो की आठ दिन की यात्रा आखिर में खंडहर में परिवर्तित होकर रह गई थी। कैनेडा का मीडिया विलाप करता रहा कि उनके प्रधानमंत्री का ठंडा स्वागत […]

वह हमारा सज्जन नहीं (He Not Our ‘Sajjan’)

April 19, 2017 Chander Mohan 0

कैनेडा के रक्षामंत्री हरजीत सिंह सज्जन ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के इस आरोप का जवाब नहीं दिया कि वह खालिस्तानी समर्थक हैं। कैनेडा की सरकार ने अवश्य अमरेंद्र सिंह के बयान को ‘निराशाजनक’ कहा है जबकि सज्जन का कहना है कि उनका सारा ध्यान भारत तथा कैनेडा के रिश्तों को मज़बूत करने पर ही लगेगा। लेकिन उल्लेखनीय है कि वहां खालिस्तान समर्थकों पर रोक लगाने का कैनेडा की सरकार ने कभी प्रयास नहीं किया। लेकिन उनकी यात्रा विवाद में तो आ गई है क्योंकि अमरेंद्र सिंह ने सज्जन की पंजाब यात्रा के दौरान उनसे मिलने से इंकार कर दिया है। पंजाब में आमतौर से यह परम्परा रही है कि जो पंजाबी मूल के बड़े लोग अमेरिका या कैनेडा […]