Bharat Sarkar Ki Pak Neeti kyaa he? -by Chander Mohan

March 24, 2015 Chander Mohan 0

भारत सरकार की पाक नीति क्या है? पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर नई दिल्ली में उनके दूतावास में आयोजित समारोह में हुर्रियत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेताओं की मौजूदगी की भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई। भारत चाहे कश्मीर मसले के समाधान में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को सिरे से खारिज करता हो पर पाकिस्तान हमें बता रहा है कि कश्मीर में उसके अपने बंदे हैं। इससे पहले सांबा तथा कठुआ में फिदायीन हमला भी यही संदेश देता है कि पाकिस्तान की कश्मीर में दखल पूरी है और वह वहां चैन नहीं होने देगा। शायद यही कारण है कि मुफ्ती मुहम्मद सईद को भी कुछ चानण हो रहा है और अफस्पा के बारे अपना रवैया नरम करते हुए अब कहना है […]

Woh aayana khud ko bhi kabhi dikhao -By Chander Mohan

March 17, 2015 Chander Mohan 0

वो आइना खुद को भी कभी दिखाओ जिस वक्त देश में यह जबरदस्त बहस चल रही थी कि निर्भया बलात्कार पर आधारित बीबीसी वृत्तचित्र ‘इंडियाज़ डॉटर’ दिखाई जाए या न दिखाई जाए, लुधियाना के एक होटल में काम करने वाली लड़की जो देर रात काम के बाद घर लौट रही थी, के साथ गैंगरेप हो गया। अपने साथ रेप के बाद उस लड़की ने जो कहा वह उल्लेखनीय है, ‘मैंने चूड़ीदार कुर्ता डाला हुआ था। मेरा कोई ब्वाय फ्रैंड नहीं है। मेरा कसूर क्या था? कुछ लोग कहते हैं कि जीन्स डालने से रेप हो जाता है। कुछ महिला के चरित्र को जिम्मेवार ठहराते हैं। मैं किसे दोषी ठहराऊं?’ अपराधी मुकेश सिंह, हिन्दू महासभा तथा कई और समाज के ठेकेदार […]

Mulzim Number 6 -by Chander Mohan

March 14, 2015 Chander Mohan 0

मुलजि़म नम्बर 6 ओडिशा में बिरला समूह की कम्पनी हिंडालको को तालाबीरा 2 तथा 3 ब्लाक अलॉट करने के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आरोपी बनाते हुए सीबीआई की अदालत ने उन्हें समन जारी किए हैं। इस मामले में वह मुलजि़म नम्बर 6 होंगे। भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने अपने 75 पृष्ठ के आदेश में लिखा है कि प्रथम दृष्टया यह प्रमाण हैं कि मनमोहन सिंह उस साजिश का हिस्सा थे जिसमें सरकारी कम्पनी नेवेली से छीन कर कोयला ब्लाक हिंडालको को सौंप दिया गया जिससे नेवेली ओडिशा में अपना पावर प्लांट कायम करने में असफल रही और हिंडालको को बहुत फायदा हुआ। उनके अलावा और भी लोग अपराधी बनाए गए हैं जिनमें कुमार मंगलम बिरला तथा पूर्व कोयला […]

Mother Teresa aur unki seva -by Chander Mohan

March 3, 2015 Chander Mohan 1

मदर टेरेसा और उनकी सेवा मोहन भागवत की इस टिप्पणी को लेकर बवाल मचा है कि मदर टेरेसा द्वारा की गई सेवा के पीछे लोगों को ईसाई बनाने की उनकी भावना थी। कांग्रेस ने उनकी आलोचना की है तथा अरविंद केजरीवाल का कहना है कि ‘मदर टेरेसा को तो बख्श दो।’ ईसाई संगठन अपनी जगह क्रोधित हैं। इस संदर्भ में मुझे तीन बातें कहनी हैं। एक, मदर टेरेसा करुणा की मूर्ति थीं। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को, टीबी से पीडि़त लोगों को, एड्स के मरीजों को गले लगाया और उन्हें राहत दी। उन्होंने बेसहारा तथा लावारिस लोगों में प्यार बांटा। नाली में पड़े लोगों को भी उठा कर गले लगा लेती थीं। जो मानसिक तौर पर कमजोर थे, उन्हें भी उनके […]

Roti Susti Honi Chahiye -by Chander Mohan

February 24, 2015 Chander Mohan 0

रोटी सस्ती होनी चाहिए मोदी सरकार के लिए पिछले कुछ सप्ताह बहुत अच्छे नहीं रहे। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश जैसे मामलों को लेकर देश में भारी असंतोष है। एक बड़े आंदोलन की तैयारी हो रही है। पिछले कानून को नरम कर भूमि अधिग्रहण को आसान बनाने की कोशिश की गई जिससे किसानों में आक्रोश है। इस प्रयास के बारे तो यही कहा जा सकता है कि आता है रहनुमाओं की नीयत में फतूर उठता है साहिलों में वह तूफां न पूछिए! पहला कानून पांच वर्ष की जद्दोजहद के बाद संसद के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित हुआ था। इसे पारित करने से पहले भाजपा द्वारा दिए गए दो संशोधन स्वीकार किए गए। अब इसे बदलने की क्या जरूरत है सिवाय […]

Corporate Guspeth -by ChanderMohan

February 21, 2015 Chander Mohan 0

कारप्रेट घुसपैठ बड़े कारप्रेट घराने अपने हित के लिए किस तरह सरकारी तंत्र में घुसपैठ कर नाजायज़ फायदा उठाने का प्रयास करते रहे हैं यह केन्द्रीय सरकार के मंत्रालयों में जासूसी करने के प्रयासों से पता चलता है। सरकारी निर्णयों तथा नीतियों की दिशा को समय से पहले जानने के लिए भारत सरकार के कार्यालयों में चोरियां तक करवाई गईं। नीति, बैठकों की कार्रवाई, नए प्रस्ताव आदि से सम्बन्धित दस्तावेज को चोरी करवाया गया यह जानने के लिए कि सरकार क्या सोच रही है? डीजल, पेट्रोल आदि के दाम में एक रुपए के परिवर्तन से इन कम्पनियों को अरबों रुपए का फायदा मिलता है इसलिए पूर्व जानकारी प्राप्त करने के लिए हर प्रकार के नाजायज़ हथकंडे इस्तेमाल किए जाते हैं। […]