बीजिंग अभी दूर है, Beijing, A Bridge Too Far

October 31, 2024 Chander Mohan 0

रूस के शहर कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में बात की थी। पर अचानक बीच में अंग्रेज़ी का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा “Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity should be the basis of our ties” अर्थात् आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे सम्बंधों की बुनियाद होनी चाहिए। अब जबकि पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों की सेना की वापिसी शुरू हो चुकी है रिश्तों के उपर trust शब्द मंडरा रहा है। बड़ा सवाल यह ही है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं? आख़िर सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंध मज़बूत थे फिर चीन ने 2020 में गलवान में […]

अनिश्चित, अस्थिर दुनिया में भारत , India In An Unstable World

October 3, 2024 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस, यूक्रेन और अमेरिका की यात्राओं ने एक बार फिर प्रदर्शित कर दिया कि भारत अब बड़ा अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गया है। रूस,फ़्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने की वकालत की है। अमेरिका पहले ही समर्थन दे चुका है। मामला चीन पर जा कर रूका हुआ है। इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की भविष्यवाणी है कि 2050 तक अमेरिका, चीन और भारत तीन सुपर पावर होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं से यहाँ यह चर्चा शुरू हो गई कि भारत यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति ने खुलेआम कहा भी है कि वह चाहतें हैं कि भारत, चीन और ब्राज़ील मध्यस्थता करें पर यह […]

अस्थिर,अनिश्चित दुनिया में भारत, India In Uncertain World,

July 18, 2024 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा को लेकर पश्चिम के देश काफ़ी परेशान लग रहें हैं। तीसरी बार निर्वाचित होने के बाद नरेन्द्र मोदी की पहली विदेश यात्रा रूस की थी जबकि अब तक परम्परा रही है कि भारत के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री पड़ोस के किसी देश की यात्रा सबसे पहले करते हैं। यात्रा के दौरान नरेन्द्र मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी को भी पश्चिम में पसंद नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने रूस को ‘सुख दुख का साथी’ कहा, जो बात पुतिन को पसंद आई। कड़वी टिप्पणी युक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की थी कि, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया को सबसे खूनी नेता को ग़ले लगाना निराशाजनक है”। जेलेंस्की की टिप्पणी रूस द्वारा युक्रेन […]

अमेरिका और उसका ‘न्यू बैस्ट फ्रैंड’, America- India New Best Friends?

June 22, 2023 Chander Mohan 0

 ब्रिटेन के साप्ताहिक अख़बार द इकोनॉमिस्ट ने भारत को अमेरिका का नया बैस्ट फ्रैंड करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले प्रकाशित लेख में अख़बार लिखता है, “ इस एशियन जांयट का वैश्विक दबदबा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में पाँचवीं है…2028 तक वह जापान और जर्मनी से आगे निकल जाएँगे… भारत एशिया में चीन के आक्रमण को रोकने और अपना अधिकार जताने के अमरीकी प्रयासों के लिए अत्यावश्यक हो गया है”। यह अकारण नहीं  कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा का उस तरह स्वागत किया जा रहा जैसे पहले शायद एक ही बार हुआ था जब राष्ट्रपति कैनेडी ने  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का अमेरिका में स्वागत किया था। […]

वैश्विक अव्यवस्था और भारत, Global Disorder and India

May 25, 2023 Chander Mohan 0

 क्या पाखंड है। जापान के शहर हिरोशिमा जहां 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था जिससे लाखों लोग मारे गए और बराबर संख्या गम्भीर रूप से बीमार हो गई थी, में इकट्ठे हुए दुनिया के जी-7 शक्तिशाली देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस, जापान, कैनेडा, जर्मनी और इटली के राष्ट्राध्यक्षों ने ‘परमाणु हथियारों के बिना दुनिया’ का आह्वान किया है और रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया को परमाणु प्रसार बंद करने और परमाणु अप्रसार अपनाने को कहा है। यह सात वह देश हैं जिनके पास विश्व की जीडीपी का 45 फ़ीसदी है,  सैनिक तौर पर शक्तिशाली है और जापान को छोड़ कर बाक़ी सभी परमाणु शक्तियाँ हैं। इनके पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को कई […]

शी जीनपिंग और अनिच्छुक मछली, Covid Trouble For Xi Zinping

January 5, 2023 Chander Mohan 0

 वर्ष के अंत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग जो खुद को एक प्रकार का आधुनिक सम्राट समझने लगे थे, के मज़बूत लगने वाले क़िले की कुछ ईंटें गिरनी तो कुछ खिसकनी शुरू हुई हैं। यह प्रक्रिया रूक जाती है या जारी रहती है, पर वैश्विक राजनीति का भविष्य टिका है। चीन एक सुपरपावर है जो शांत और भद्र नहीं है। वह आक्रामक और विध्वंसक महाशक्ति है। उसे यह छवि देने में शी जीनपिंग की बड़ी भूमिका रही है। वह माओ त्सी तुंग की तरह एकमात्र और सर्वोच्च नेता बनना चाहते है पर भूल गए कि दुनिया बदल गई है और चीन के लोग भी आज़ादी की हवा से अछूते नहीं है। हर ताकतवर नेता […]