भाजपा ‘सेफ़’ है, और कांग्रेस…?. BJP is ‘Safe’, But Congress…?

November 28, 2024 Chander Mohan 0

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम सब सियानों को ग़लत साबित कर गए। ऐसा हरियाणा चुनाव में भी हुआ था। महाराष्ट्र के बारे लोकसभा चुनाव परिणाम को मापदंड रखा गया जहां महाविकास अघाड़ी को 48 में से 30 सीटें मिली थी और भाजपा के नेतृत्व में महायुति को 17 से ही संतुष्ट होना पड़ा था। कि भाजपा का नेतृत्व छ: महीने के अंदर अंदर बाज़ी पलट देगा यह सोचा भी नहीं गया। सब ‘काँटे की टक्कर’ की रट लगाते रहे। चुनाव से पहले भविष्यवाणी करना अब ख़तरे से ख़ाली नहीं क्योंकि लोग अपना मन नहीं बताते और पिछले आँकड़ों पर आधारित आँकलन ग़लत निकल रहें हैं। महाराष्ट्र में न केवल महायुति का प्रदर्शन बढ़िया रहा है, भाजपा वहाँ सब पर […]

यह ऐतिहासिक और गौरवमय क्षण है, It is a glorious proud moment

January 25, 2024 Chander Mohan 0

यह एक ऐतिहासिक और गौरवमय क्षण है। यह क्षण गणतंत्र दिवस से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय में अयोध्या लौट रहे राम, सीता और लक्ष्मण का ख़ूबसूरत चित्र है।  अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण श्रद्धा से सम्पन्न हो गई। 500 वर्षों का इंतज़ार ख़त्म हुआ। देश भर में इसे लेकर जो उत्साह और ख़ुशी है उससे पता चलता है कि लोग किस तरह इस क्षण की इंतज़ार कर रहे थे। विशेष श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है जिनके नेतृत्व में यह गौरवपूर्ण क्षण के हम साक्षी हैं। जो मंदिर बना है उसकी भव्यता हमारी कलाकारी की उत्कृष्ट मिसाल है। यह अंतर नहीं पड़ता कि अभी मंदिर पूरा […]

असमानता का गणराज्य, Republic of Inequality

January 27, 2022 Chander Mohan 0

भारत कभी भी सबके लिए बराबर का देश नही रहा। असमानता यहाँ स्थाई है। हमारे राजा महाराजा प्रजा को लूटते रहे और ख़ुद विलास की ज़िन्दगी व्यतीत करते रहे। अंग्रेज़ों ने तो बाक़ायदा एक विशेषाधिकार सम्पन्न वर्ग स्थापित कर दिया और उन्हे ‘सर’, ‘रायबहादुर’, ‘रायज़ादा’ जैसे ख़िताबों से नवाज़ा गया। आज़ादी के बाद आशा बढ़ी की यह ग़ैर बराबरी अगर खत्म नही होती तो कम तो हो जाएगी।  हमारे संविधान का ‘प्रीएम्बल’ अर्थात  प्रस्तावना  जहाँ ‘समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नयाय’ पर जोर देता है,वहां ‘अवसर की समता’ का संकल्प भी व्यक्त करता है। 1976 मे एमरजैंसी के दौरान इस में भारत को  ‘समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ बनाने का भी वायदा जोड़ा  गया। ‘समाजवाद’ जोड़ने का भी यही मक़सद था कि […]