शी जीनपिंग और अनिच्छुक मछली, Covid Trouble For Xi Zinping

January 5, 2023 Chander Mohan 0

 वर्ष के अंत में एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना में चीन के राष्ट्रपति शी जीनपिंग जो खुद को एक प्रकार का आधुनिक सम्राट समझने लगे थे, के मज़बूत लगने वाले क़िले की कुछ ईंटें गिरनी तो कुछ खिसकनी शुरू हुई हैं। यह प्रक्रिया रूक जाती है या जारी रहती है, पर वैश्विक राजनीति का भविष्य टिका है। चीन एक सुपरपावर है जो शांत और भद्र नहीं है। वह आक्रामक और विध्वंसक महाशक्ति है। उसे यह छवि देने में शी जीनपिंग की बड़ी भूमिका रही है। वह माओ त्सी तुंग की तरह एकमात्र और सर्वोच्च नेता बनना चाहते है पर भूल गए कि दुनिया बदल गई है और चीन के लोग भी आज़ादी की हवा से अछूते नहीं है। हर ताकतवर नेता […]

जब हमें कोविड हुआ, When We Caught Covid

July 14, 2022 Chander Mohan 0

पहली तीन भयानक लहरों में बचने के बाद कोरोना वायरस जिसे कोविड-19 कहा जाता है, की चौथी लहर में हम क़ाबू आगए।  16 जून को हमारा टैस्ट पॉसिटिव आया। दो दिन पहले से हल्का बुख़ार और खांसी इत्यादि थी। शरीर भी टूट रहा था। सोचा वायरल भी हो सकता है पर जब टैस्ट करवाया तो कोविड निकला। अधिकतर लोग टैस्ट नहीं करवाते  क्योंकि लक्षण हल्के होते है। वह इससे वायरल की तरह निबटते हैं और इंफ़ेक्शन फैलाते जाते हैं। हमे दो दिन हल्का बुख़ार जो 101 तक रहा, आता जाता रहा। केवल दो बार पैरासिटामोल दवाई लेनी पड़ी। हमने सात दिन खुद को आईसोलेट रखा। बुख़ार एकदम उतर गया यहाँ तक कि 97 पर गिर गया। तब इसकी चिन्ता हुई […]

100 करोड़ डोज़: टीम इंडिया की अद्भुत यात्रा, Team India’s Spectacular Achievement

October 28, 2021 Chander Mohan 0

277 दिन में 100 करोड़ टीका की हमारी अद्भुत यात्रा  नेतृत्व, प्रशासन, फ़ार्मा कम्पनियों और हेल्थ वर्करस के संकल्प की शानदार गाथा है। इस देश में बहुत ग़लत चल रहा है पर कभी कभी हम वह संकल्प और कर्तव्य निष्ठा दिखातें हैं कि न केवल दुनिया बल्कि हम भीख़ुद दंग रह जातें  है। हमने कितना बड़ा काम किया है यह इस बात से पता चलता है कि जिन लोगों को यहाँ एक डोज़ मिली है उनकी संख्या 8 जर्मनी या 18 कैनेडा या 5 रूस या 10 इंग्लैंड या 11 फ़्रांस की जनसंख्या के बराबर है। स्पष्ट संदेश है कि हम कर सकतें है अगर हम फ़िज़ूल के ‘जश्न-ए-रिवाज’ में उलझे न रहें। प्रधानमंत्री ने सही इसे ‘भगीरथ प्रयास’ और […]

सबसे बड़ी चुनौती: विश्वास की बहाली, The Challenge Ahead

June 10, 2021 Chander Mohan 0

मोदी सरकार का आठवाँ वर्ष कोविड द्वारा की गई भयावह तबाही की छाया में शुरू हो रहा है। वायरस धीरे धीरे घट रहा है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार 350000 मौतें हो चुकीं है पर शमशान के रिकार्ड और गंगा मेंबहती लाशेंकुछ और ही आँकड़ा बता रहीं हैं। आगे तीसरी लहर की सम्भावना से घबराहट है।   जिस देश ने पिछले साल नरेन्द्र मोदी के कहने पर थालियाँ बजाईं थीं, दीपक जलाए थे, उस देश का मिज़ाज बहुत बिगड़ा हुआ है। मोदी इसे ‘शताब्दी में एक बार फैलने वाली महामारी’ क़रार  चुकें हैं पर इससे उनके ज़ख़्म तो नही भरते जो अपने प्रियजन खो बैठें हैं। सी-वोटर के सर्वेक्षण के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है, चाहे वह […]

कोरोना काल में सरकार और विपक्ष , Government and Opposition in Covid Times

May 20, 2021 Chander Mohan 0

आजाद भारत में इस महामारी से पहले बड़ा राष्ट्रीय संकट 1962 की सर्दियों में आया था जब चीन के हाथों हमें मार पड़ी थी। यह शिकस्त हमें बड़े सबक़ सिखा गई पर तब के घटनाक्रम में लोकतन्त्र के लिए भी सबक़ छिपा है। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने निश्चित किया कि संसद में घटनाक्रम पर पूरी बहस हो। बहस के दौरान वह पूरा समय सदन में मौजूद रहे यह जानते हुए भी कि उनसे कड़वे और असुखद सवाल पूछे जाएँगे। वह महसूस करते थे कि वह देश के नेता हैं इसलिए जो कुछ हुआ सबसे अधिक उनकी जवाबदेही बनती है। विपक्ष ने सरकार और विशेष तौर पर नेहरू पर ज़बरदस्त हमला किया। उन्होने ख़ूब बेइज़्ज़ती सही। अगर […]

हमारे अधूरे लोकतन्त्र की जय ! Our Imperfect -Perfect Democracy

May 6, 2021 Chander Mohan 0

जिस वक़्त टीवी पर पाँच प्रदेशों के चुनाव परिणाम आ रहे थे उसी वक़्त एक चैनल पर यह एस-ओ-एस फ़्लैश हो रहा था कि दिल्ली के बच्चों के एक अस्पताल में आक्सिजन ख़त्म हो रही है। उसके बाद आप के एक नेता ने उन्हे छ: सिलेंडर पहुँचा भी दिए लेकिन ऐसी अपील की नौबत ही क्यों आए? उससे एक दिन पहले दिल्ली के ही बतरा  अस्पताल में आक्सिजन की कमी से 12 मरीज़ मारे जा चुके थे। यह स्थिति तब है जब दिल्ली हाईकोर्ट लगातार केन्द्र और सरकार को फटकार लगाताआर हा है। हाईकोर्ट का यहां तक कहना था कि राज्य नागरिकों के बुनियादी जीवन के अधिकारकी रक्षा करने में असफल रहा है। यह बहुत बड़ा अभियोग है लेकिन सच्चाई […]