लहर विहीन चुनाव की ऊँची नीची लहरें,Waves of a Waveless Election
लोकतंत्र का महापर्व भारत में शुरू हो गया है। यह कितनी बड़ी क़वायद है यह इस बात से पता चलता है कि हमारी 97 करोड़ वोटर संख्या अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस,रूस, ब्राज़ील और जापान की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है। पर पहले चरण की 102 सीटों के लिए वोटिंग से पता चलता है कि इस बार जोश कुछ ठंडा है, मतदान 2019 के मुक़ाबले लगभग 5 प्रतिशत कम हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी और विपक्षी नेताओं के धुआँधार प्रचार के बावजूद सड़क पर प्रतिक्रिया उत्साहहीन है। कोई लहर नज़र नहीं आती। शायद सोच लिया कि कोई बदलाव नहीं होने वाला। यह चुनाव कुछ बातें स्पष्ट करतें हैं:- 1.हमारे लोकतंत्र को कोई ख़तरा नहीं है : विपक्ष बहुत शोर मचा रहा है कि […]