हम रोज़ कितने सिगरेट पीते हैं? How Many Cigarettes Do We Smoke Daily?

November 16, 2023 Chander Mohan 0

बारिश से अचानक मौसम साफ़ हुआ था और कुछ राहत मिली थी पर यह सब अस्थाई रहा।  दिवाली की रात चले पटाखे सब बराबर कर गए। प्रदूषण से फिर दम घुट रहा है। अख़बारों की सुर्ख़ियों चीख चीख कर बता रही है कि दिल्ली गैस चेम्बर बन गया है। पंजाब मे जलाई जा रही पराली को इसके लिए ज़िम्मेवार ठहराया जा रहा है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सरकारें एक दूसरे पर दोषारोपण का खेल खेल रहीं हैं।  नाराज़ सुप्रीम कोर्ट सरकारों को लगातार फटकार लगा चुका है कि हमें बातें नहीं, एक्शन चाहिए, हम प्रदूषण से लोगों के मरने नहीं दे सकते। दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी घोषित किया गया है।  दिल्ली सरकार ने एक बार फिर […]

केजरीवाल का होमवर्क और तीन बाधाऐं , Kejriwal’s Homework and Three Obstacles

March 31, 2022 Chander Mohan 0

पंजाब के चुनाव ने अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय मंच का बड़ा खिलाड़ी बना दिया है। जैसे कभी भाजपा थी आप भी नई चीज़ है, अतीत की कोई गंदगी उससे नही जुड़ी, कोई पुराने असबाब का बोझ नही है। कांग्रेस के पतन के बाद  यह चर्चा शुरू हो गई है कि एक दिन आप कांग्रेस की जगह ले सकती है, और भाजपा का राष्ट्रीय विकल्प बन सकती है। इस चर्चा को फैलाने में आप के नेतृत्व का भी बड़ा हाथ है। हर हार के बाद यही बताया जा रहा है कि कांग्रेस मंथन करेगी, पर कुछ नही बदला न बदलेगा। कांग्रेस और अकाली दल का पतन समानांतर चल रहा है। परिवारवाद ने दोनो पार्टियों को तबाह कर दिया जो कभी राजनीतिक […]

तुम ही सो गए दास्तां कहते कहते (The Loss of Ashwani Chopra)

January 23, 2020 Chander Mohan 0

अश्विनी नहीं रहे। सब संघर्ष पर विजय पाई लेकिन यह एक ऐसा संघर्ष था जिस से लडऩे में इंसान बेबस महसूस करता है। वह कैंसर से हार गए और यह शायद उनकी एकमात्र हार थी। जिंदगी में बहुत दिलेरी से संघर्ष किया। बहुत बढ़िया विरासत छोड़ गए इसीलिए आज एक शायर के यह शब्द उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि होगी, जिंदगी में बड़ी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार कि परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहें पर्दा अब गिर चुका है लेकिन तालियां बज रही हैं और बजती जाएंगी क्योंकि वह बंदा ही ऐसा था। बहुत प्यारी शख्सियत थी। पत्रकारिता जगत के शूरवीर थे। सच्चे दोस्त थे। बाहर से कईयों को वह सख्त लगते थे लेकिन अंदर से बिलकुल साथ-सुथरे बेकपट […]

दिल्ली का शर्मनाक पतन (The Shameful Fall of Delhi)

November 8, 2016 Chander Mohan 0

जस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक पूर्व सैनिक की आत्महत्या को भुनाने में लगे हुए थे दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर से बहुत पार कर गया था। यह पिछले 17 साल में सबसे खतरनाक स्तर पर है। सारा एनसीआर क्षेत्र ही जहरीली चादर से ढका प्रतीत होता है। लोगों का दम घुट रहा है। सुरक्षित से 12 गुणा खतरनाक स्तर तक प्रदूषण है। पहले कहा जा रहा था कि दिल्ली में सांस लेने वालों के अंदर रोजाना 20 सिगरेट के बराबर विषैला धुआं जा रहा है, अब बताया जा रहा है कि यह 40 सिगरेट के बराबर है। हवा इतनी जहरीली बन चुकी है कि घरों के अंदर भी कइयों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। […]