किसको राहजन किसको रहनुमा कहिए (All Are Losers in Maharashtra)
तीन दिन मुख्यमंत्री रहने के बाद देवेन्द्र फडनवीस ने इस्तीफा दे दिया है। बेहतर होता वह दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही ना। असली चाणक्य ने कहा था कि अपने दुश्मनों को इकट्ठा मत होने दो, पर ऐसा ही भाजपा ने कर दिया जिस कारण यह फजीहत झेलनी पड़ रही है। जो एक खिचड़ी गठबंधन है वह संयुक्त, उद्देश्यपूर्ण तथा जोशीला नज़र आने लगा। फिलहाल उनका अंतर्विरोध छिप गया है लेकिन समय के साथ यह बाहर आएगा क्योंकि इस नए रंग-बिरंगे गठबंधन के बारे कहा जा सकता है कि मंजिल जुदा-जुदा है,मकसद जुदा-जुदा है भीड़ तो जमा है यह कारवां नहीं एक तमाशा खत्म हो गया और अब दूसरा शुरू हो रहा है। महाराष्ट्र में हम अपनी राजनीति का सबसे घिनौना चेहरा […]