जिस दिन भगत सिंह को फाँसी दी गई, The Day Bhagat Singh Was Hanged

March 23, 2023 Chander Mohan 0

हमारी आज़ादी की लड़ाई ने अनेकों नायक पैदा किए हैं पर दो हैं जो अपनी विशेष छाप छोड़ गए। दोनों ही  शहीद हुए। अगर गांधी जी सबसे आदरणीय नेता थे तो भगत सिंह सबसे प्रिय। दोनों के सिद्धांत बिलकुल अलग थे लक्ष्य चाहे एक था, भारत की आज़ादी। गांधीजी का  अहिंसा में पूर्ण विश्वास था जबकि भगत सिंह और उनके साथी समझते थे कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हिंसा की ज़रूरत पड़ जाए तो इस्तेमाल की जा सकती है। दोनों की अलग अलग विरासत है। गांधी जी का अहिंसा का सिद्धांत दुनिया आज भी याद करती है चाहे अमल कोई नहीं करता। भगत सिंह आज भी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है। उत्तर भारत में आज भी युवा पीली पगड़ी […]

गांधी की हत्या और आज का भारत, Gandhi Assassination and Today’s India

February 9, 2023 Chander Mohan 0

हमारी आज़ादी को 75 वर्ष हो गए पर यह वह वर्ष भी है जब 75 साल पहले नए आज़ाद हुए देश की राजधानी के ठीक बीच एक महात्मा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मोहनदास कर्मचन्द गाँधी को ‘महात्मा’ की उपाधि रविन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी। सरदार पटेल उन्हें बापू कहते थे। उन्हें  ‘राष्ट्रपिता’ पहली बार नेताजी सुभाष चंद्र ने कहा था। यह वही नेताजी हैं जिन्हें गांधी ने दो बार कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने दिया था पर जिन्होंने आज़ाद हिन्द फ़ौज की तीन ब्रिगेड के नाम ‘गांधी ब्रिगेड’, ‘नेहरू ब्रिगेड’ और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के नाम पर ‘आज़ाद ब्रिगेड’ रखा था। इससे उस वकत के नेताओं के उच्च चरित्र  का पता चलता है कि देश […]

15 अगस्त :इस बार दोहरा जश्न, Double Celebration This Time

August 9, 2022 Chander Mohan 0

जब ब्रिटेन में भारत को आज़ाद करने पर चर्चा हो रही थी तो उनके पूर्व प्रधानमंत्री विंसेंट चर्चिल ने अपनी संसद में विलाप करते हुए चेतावनी दी थी, “अंग्रेजों के जाने के कुछ समय बाद भारत अपनी सदियों पुरानी रूढ़ियों के कारण मध्यकालीन और प्राचीन व्यवस्था में पहुँच जाएगा। ऐसे में अगर भारत 50 वर्ष भी आज़ाद रहे तो गनीमत होगी अन्यथा वह फिर गुलाम हो जाएगा…”। चर्चिल का कहना था कि “यह तिनकों से बने लोग हैं जिनका कुछ वर्षों के बाद नामोनिशान भी नहीं मिलेगा”। इस 15 अगस्त को जब हम जोश और आत्मविश्वास से अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था शीघ्र चर्चिल के देश से आगे निकलने वाली है, यह  संतोष है […]

सावरकर, गांधी और इतिहास के पन्ने, Gandhi, Savarkar and The Pages of History

October 21, 2021 Chander Mohan 0

यह देश वैचारिक रूप से इतना बँटता जा रहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों को भी बक्शा नही जा रहा। समय समय पर गांधीजी और नेहरू जैसे महान् नेताओं पर कीचड़ उछालने का प्रयास हो चुका है। यह वह लोग हैं जिन्होने देश को आजाद करवाया था। यह हमारे आईकॉन अर्थात आदर्श हैं। हर देश हर समाज को ऐसे लोग चाहिए जिनकी जीवनी से आने वाली पीढ़ियाँ प्रेरणा ले सकें। अमेरिका में लिंकन, इंग्लैंड में चर्चिल, फ़्रांस में डीगॉल, रूस में लेनिन, दक्षिण अफ़्रीका में मंडेला जैसे लोग आईकॉन है। यह नही कि इन्होंने ग़लतियाँ नही की पर इनके योगदान को याद किया जाता है ग़लतियों या कमज़ोरियों को नही। अफ़सोस है कि हमारे यहाँ तो गांधी को भी बख़्शा नही […]

यह कहां आ गए हम (Where Have We Reached?)

March 5, 2020 Chander Mohan 0

दिल्ली के दंगों में मरने वालों की संख्या 50 के करीब पहुंच गई है। करोड़ों की जयदाद नष्ट हो गई है। केवल एक इलाके में 170 वाहन जला दिए गए हैं। देश की और बड़ी हानि हुई  है क्योंकि साम्प्रदायिक सौहार्द पर आंच आ गई और एक विकासशील,शांतमय, लोकतांत्रिक देश की हमारी छवि तहस-नहस हो गई है। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो देश में बहुत जोश था। दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से इस बात की पुष्टि हो गई है कि अब भारत बड़े अंतर्राष्ट्रीय मेज़ में बैठने वाला स्थाई देश बन चुका है। देश में आत्मविश्वास था जो बालाकोट के हमले से और पक्का हो गया था। लेकिन दिल्ली चुनाव के लिए […]

इन्हें बख्श दो (Why Divide Freedom Fighters)

October 24, 2019 Chander Mohan 0

  महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बहुत असुखद विवाद छोड़ गया है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है, को भारत रत्न देने की मांग की है। चुनाव प्रचार में भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा कि उनकी सरकारों ने सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? वह भूल गए कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार तथा नरेन्द्र मोदी की पहली सरकार ने भी सावरकर को भारत रत्न नहीं दिया था लेकिन अब महाराष्ट्र के चुनाव की मजबूरी थी इसलिए मामला गर्म किया गया। इसके विपरीत बहुत से लोग है जो सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सावरकर ने पांच […]