यह उभर रही महाशक्ति की तस्वीर नहीं है (Not An Emerging Superpower)
9 जनवरी को अपने लेख ‘लेकिन इन हवाओं को रोकिए’ में मैंने लिखा था, “नफरत की दीवार खड़ी की जा रही जिसकी आगे चल कर बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।” मुझे दुख है कि मेरी बात की पुष्टि हो रही है। जिस तरह दिल्ली के जामिया और शाहीन बाग में गोली चलाई गई और गोली चलाने की कोशिश की गई, उससे नज़र आता है कि जो नफरत भरे भाषण कुछ भाजपा नेता दे रहे हैं उनका अपरिपक्व दिमाग पर बहुत गलत प्रभाव हो रहा है। सौभाग्यवश कोई जानी नुकसान नहीं हुआ पर सारे देश ने देखा कि पुलिस तमाशबीन खड़ी रही। विदेशों में जब भी कोई इस तरह हिंसक होता है उसे उसी वक्त गोली मार दी जाती है। पर […]