शुद्ध देसी दंगा
शुद्ध देसी दंगा मुजफ्फरनगर में जो कुछ हुआ उस पर साफ ‘मेड इन इंडिया’ का ठप्पा लगा हुआ है। सरकार चुपचाप तमाशा देखती रही। पुलिस अधिकारियों को निष्क्रिय बैठने को कहा गया। सरकारी अक्षमता, लापरवाही तथा राजनीतिक बदमाशी का यह घातक मिश्रण था। जिन अधिकारियों ने अपनी जिम्मेवारी निभाने का प्रयास किया उनके तबादले कर दिए गए। जो ‘प्राईम सस्पैक्ट’ पकड़े गए उन्हें छोडऩे के लिए कहा गया। गलत प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। ऐसा केवल भारत में होता है। यह शुद्ध देसी दंगा था जहां वोटों की खातिर आग लगने दी गई, और जो बुझाना चाहते थे उन्हें बदल दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए दंगों के बारे सरकार से दो सप्ताह […]