निर्लज्जता में कैनेडा पाकिस्तान को पार कर गया है, Canada surpasses Pakistan in shamelessness

September 28, 2023 Chander Mohan 0

भारत और कैनेडा के रिश्ते इतने गिर गए हैं कि इन्हें सामान्य करने में वर्षों लग जाएँगे। कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की जून 18 को वहाँ एक गुरुद्वारे को सामने हत्या में भारत के एजेंटों का हाथ है। भारत ने इस आरोप को बेहूदा और प्रेरित कहते हुए सख़्त शब्दों में रद्द कर दिया है। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता रोक दी गई है और भारत ने कैनेडा के नागरिकों को भारत का वीज़ा देने पर  रोक लगा दी हैं। अर्थात् जिन दो देशों के बीच हज़ारों किलोमीटर का फ़ासला है, हितों में कोई टकराव नहीं उनके रिश्ते एक आतंकवादी की हत्या के कारण उस स्तर पर गिर […]

खालिस्तानी और चार ‘गोरे’ देश, Khalistan and Four ‘White’ Nations

July 13, 2023 Chander Mohan 0

अमेरिका,कैनेडा, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में क्या समान है ? एक वह सब ईसाई बहुसंख्यक देश हैं। अमेरिका का राष्ट्रपति बाइबल पर हाथ रख कर शपथ लेता है तो इंग्लैंड के किंग चार्लस का राज्याभिषेक वैस्टमिनस्टर एब्बे के रॉयल चर्च में हुआ था। चारों देशों में अंग्रेज़ी बोली जाती है। चारों देश गोरों के अधीन है। बराक ओबामा या ऋषि सुनक जैसे अपवाद हैं। चारों ही देश ब्रिटिश उपनिवेशवाद से जुड़े  है। चारों ही देशों में कथित खालिस्तानी आन्दोलन चल रहा है जो अब हिंसक होने लगा है। और चारों ही सरकारें इसके प्रति वह उदारता दिखा रही है जो समझ से बाहर है। क्या यह पुरानी औपनिवेशिक गोरी मानसिकता है कि इन ‘काले’ लोगों को नियंत्रण में रखने के लिए […]

विदेशों से खालिस्तानी चैलेंज, Khalistan : Challenge From Abroad.

April 6, 2023 Chander Mohan 0

पंजाब में ख़ालिस्तान का कोई मसला नहीं, न कोई माँग ही है। ब्रैंड-न्यू खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के प्रकरण के बाद विदेशों में इसकी गूंज ज़रूर है। पंजाब मेँ कुछ  वाहनों पर भिंडरावाले का चित्र लगा नज़र आएगा पर  कुछ लोगों के उत्पात के सिवाय ज़मीन पर   खालिस्तान की माँग को कोई समर्थन नहीं है। हाँ, पंजाब के कुछ मसलों को ‘सिख मसला’ बना कर कई बार  पेश किया जाता है। पंजाब ने अतीत में उग्रवाद को लेकर बहुत संताप भुगता है कोई इसे दोहराना नहीं चाहेगा। अमृतपाल सिंह के अस्थायी उभार के बाद कुछ समय के लिए तनाव पैदा हुआ था   पर जिस तरह वह जगह जगह भटक रहा है उसके बाद उसकी लोकप्रियता की, राहुल गांधी की भाषा में, […]

पंजाब: एक बार फिर?, Once Again In Punjab?

March 2, 2023 Chander Mohan 0

क्या पंजाब में फिर काले दिनों की वापिसी हो रही है? क्या फिर 1980-1990 वाले दिन आ रहें हैं ? यह सवाल अब सब पंजाबियों को परेशान कर रहा है। ख़तरनाक संकेत कुछ समय से मिल रहे हैं। कुछ सप्ताह पहले मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर ‘बंदी सिखों की रिहाई’ को लेकर प्रदर्शन कर रहे क़ौमी इंसाफ़ मोर्चे के हथियारों से लैस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमला कर दिया और 40 के करीब पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि “अगर हम भागते नहीं तो हमें मार दिया जाता”। लेकिन जो पिछले सप्ताह अमृतसर में अजनाला में हुआ वह तो और भी अधिक ख़तरनाक है। खालिस्तान के  समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखी अमृतपाल सिंह के […]

पंजाब में फिर शरारत (Mischief in Punjab, Again)

June 18, 2020 Chander Mohan 0

आपरेशन ब्लूस्टार की बरसी कष्टदायक अनुभव है क्योंकि पुरानी अप्रिय यादें ताज़ा हो जाती हैं लेकिन कहीं यह अहसास भी है कि इस दुखांत के लिए एक कोई पक्ष दोषी नही है। पर अफ़सोस की बात है कि इस 36 वर्ष पुरानी घटना को लेकर कुछ लोग फिर शरारत कर रहें हैं ताकि पंजाब का माहौल तनावग्रस्त रहे। यह भी बड़े अफ़सोस की बात है कि इस बार ऐसा करने वाले अकाल तख़्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हर प्रीत सिंह तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष गोबिन्द सिंह लांगोवाल हैं। ग़ज़ब की ग़ैर ज़िम्मेवारी और मैं तो कहूँगा देश विरोध का प्रदर्शन करते हुए इन दोनों ने एक पत्रकार सम्मेलनमें न केवल कथित खालिस्तान का समर्थन किया बल्कि यह […]

शुरुआत की तरफ सफर या तनाव की तरफ वापिसी? (Will Kartarpur Corridor be a Bridge of Peace ?)

November 7, 2019 Chander Mohan 0

9 नवम्बर का दिन ऐतिहासिक होगा जब सात दशकों की इंतजार के बाद पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जहां गुरु नानक देव ने अपने अंतिम दिन गुजारे थे, के दर्शन के लिए गलियारा खोल दिया जाएगा। इसे लेकर संगतों में भारी उत्साह है आखिर बहुत पुरानी हसरत पूरी हो रही है पर इस गलियारे के उद्घाटन समागम को लेकर पंजाब में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण विवाद रहा है कि कौन मंच लगाएगा, कौन नहीं? कितनी शर्मनाक बात है कि ऐसे ऐतिहासिक दिन को भी सब नेता मिल कर मनाने को तैयार नहीं जबकि सब खुद को गुरु नानक देव जी के अनुयायी कहते हैं जिन्होंने सदा भाईचारे, सादगी तथा बराबरी का संदेश दिया था। क्या एक दिन के लिए हम राजनीति […]